भोपाल. शिशु मृत्यु दर और कुपोषण के मामले में मप्र देश में अव्वल है। मातृ मृत्यु दर को लेकर भी प्रदेश केवल तीन राज्यों से ही बेहतर है। हालात इतने बिगड़ने के बाद अब जाकर राज्य सरकार चेती है और प्रदेश में कुपोषण दूर करने 24 दिसंबर से अटल बाल आरोग्य मिशन की शुरुआत की जा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के ताजा आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा...
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छोटे कर्ज पर संकट का बड़ा साया : गुरचरन दास
हमारे देश में एक अद्भुत घटना घट रही है। तीन करोड़ गरीब महिलाओं ने छोटा-मोटा कारोबार शुरू करने के लिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ऋण लिए हैं। इस राशि से वे या तो एक गाय खरीदती हैं, ताकि दूध का व्यवसाय कर सकें, या वे इस राशि का निवेश एक सिलाई मशीन में करती हैं, ताकि कपड़े बेच सकें या फिर वे एक किराना दुकान खोल लेती हैं। जो कार्य गैरसरकारी संगठनों...
More »एक लाख भ्रूणों की कोख में ही हत्या!
प्रदेश में जन्म से पहले ही गर्भपात की घटनाओं पर विराम लगता नहीं दिख रहा है। अकेले वर्ष 2009 में ही करीब एक लाख 10 हजार भ्रूण को प्रदेश की सरजमीं पर कदम रखने से पहले ही मार गिरा दिया गया। इतने अधिक गर्भपात की वजह 'पुत्र की चाह' मानी जा रही है। यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंची रिपोर्ट में होता है। स्वास्थ्य विभाग को मिली रिपोर्ट के अनुसार...
More »कमजोर महिलाओं की ताकत बना एक बैंक- आशीष कुमार अंशु
वनिता जालिन्दर पीसे आज से कुछ साल पहले लोन के लिए बैंकों के चक्कर लगा रही थीं। बैंकों की औपचारिकता ओं और पेपर वर्क की वजह से उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा था। निराश होकर वह घर बैठ गईं। उन्होंने लोन की आशा ही छोड़ दी। तभी एक दिन मानदेसी महिला संगठन के कुछ लोग उनके पास आए और उन्हें आसान शर्तों पर लोन मिल गया। वर्ष 2003 में उन्होंने...
More »अस्वस्थ बच्चे अस्वस्थ देश के भविष्य
भारत के महापंजीयक की "भारत में मृत्यु के कारण" शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार पाँच साल से कम आयु के करीब आधे बच्चों का वजन सामान्य से कम है और इसका कारण कुपोषण है। ऋतु सारस्वत स्वास्थ्य और मानव विकास एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और यदि स्वास्थ्य का प्रश्न बच्चों से जुड़ा हुआ हो, तो यह और अधिक संवेदनशील विषय हो जाता है। हाल ही में...
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