नई दिल्ली। सरकारी सहायता से दिव्यांग बच्चों के लिए चलाए जाने वाले घर में 49 बच्चे सिर्फ एक ही टूथब्रश का इस्तेमाल करते हैं। ये तथ्य किसी संगठन ने नहीं बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एच एल दत्तू ने सामने रखा है। जस्टिस दत्तू के मुताबिक दो साल पहले उन्होंने इस तरह का मंजर देखा था। जस्टिस दत्तू ने अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में...
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स्कूलों में ड्रॉप आउट: प्राथमिक में यूपी, उच्च प्राथमिक-सेकेंडरी में जम्मू-कश्मीर आगे
स्कूलों में ड्रॉप आउट एक गंभीर समस्या बनी हुई है। चाहे सरकारी स्कूल हो या निजी देशभर में ड्रॉप आउट के मामले में नॉर्थ-ईस्ट के राज्य सबसे आगे हैं। उत्तर भारत में प्राथमिक में यूपी तो उच्च प्राथमिक और सेकेंडरी में जम्मू-कश्मीर सबसे आगे हैं। सत्र 2013-14 में प्राथमिक वर्ग में 19.41 फीसदी और उच्च प्राथमिक में 17.86 फीसदी बच्चों ने नागालैंड में सबसे अधिक स्कूल छोड़ा। सेकेंडरी में ओड़िसा...
More »आत्महत्या करनेवालों में किशोर और युवा सबसे आगे
टूट रही नयी पीढ़ी को सहारा देनेवाली डोर देश की नयी पीढ़ी में तनाव और अवसाद किस कदर बढ़ रहा है, इसका स्पष्ट संकेत लंदन की प्रतिष्ठित पत्रिका लांसेट में छपी ताजा रिपोर्ट से मिलता है. रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में किशोरों और युवाओं की मौत का अब सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है. हालांकि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े पहले ही बता चुके हैं कि भारत में आत्महत्या करनेवालों...
More »फेल होने की वजह पूछने पर स्कूल से मिला एक करोड़ का नोटिस
आगरा में एक पिता को बेटे के फेल होने की वजह स्कूल से पूछना और संयुक्त शिक्षा निदेशक से शिकायत करना उस समय भारी पड़ गया, जब उस प्रतिष्ठित स्कूल की ओर से एक करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेज दिया गया. इसके साथ ही बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया. अब पीड़ित पिता ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए डीएम से शिकायत करने के साथ ही सड़क...
More »वो 5 बातें जिनकी वजह से मनाना पड़ रहा है पृथ्वी दिवस
22 अप्रैल को दुनिया के 192 देश 46वां विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हैं। लेकिन मात्र एक दिन पृथ्वी दिवस के रूप में मना कर हम प्रकृति को बर्बाद होने से नहीं रोक सकते हैं। जीवन और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं। पर्यावरण के बगैर जीवन असम्भव है। कोई दो राय नहीं कि अगर पृथ्वी खतरे में रहेगी तो मनुष्य जाति भी खतरे में रहेगी। दुर्भाग्यवश पृथ्वी का अस्तित्व खतरे...
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