जयपुर. राजस्थान के महज 35 फीसदी परिवारों को ही परिसर में पेयजल उपलब्ध हो रहा है। शहरी क्षेत्र के 78.2% परिवारों को यह सुविधा है, जबकि गांवों में यह महज 21% है। ग्रामीण इलाकों में 58.3% परिवारों के पास ही बिजली है। मूलभूत सुविधाओं से जूझते हुए भी प्रदेश में आधुनिक सुविधाएं हासिल करने के लिए मशक्कत जारी है। कंप्यूटर अब आदिवासी इलाकों में भी पहुंच रहा है। प्रदेश के...
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भूखे पेट सोते लोगों की सुध नहीं - बाबूलाल नागा
हाल में देश में बर्बाद हो रहे अनाज को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि उन अधिकारियों की तनख्वाह काट ली जानी चाहिए जिनकी वजह से अनाज सड़ता है। अदालत ने कहा कि एफसीआई या राज्य के गोदामों में अनाज ठीक ढंग से नहीं रखा जाता है। ऐसे में निगरानी विभाग और पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को उन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले...
More »भूमिहीनों को मिले भूमि का अधिकार
देश के आदिवासियों की जमीनों पर कब्जे हैं। जिन किसानों के पास जमीनें हैं, उनसे विकास के नाम पर जमीनों को छीना जा रहा है। वहीं जिन लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं है, उनको घर बसाने के लिए जमीन नहीं दी जा रही है। एकता परिषद व सहयोगी संगठनों द्वारा समग्र भूमि सुधार तथा वंचितों को हक दिलाने के लिए जनसत्याग्रह 2012 आंदोलन चलाया जा रहा है।...
More »निर्मल भारत कैसे बनेगा- ऋषि कुमार सिंह
जनसत्ता 10 जुलाई, 2012: साफ-सफाई के मुद्दे पर भारत सरकार ने निर्मल भारत योजना बनाई है, जिसकी सफलता के लिए फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन को अपना ब्रांड एंबेस्डर नियुक्त किया है। बात बस इतनी-सी है, लेकिन इसका असर और यहां से उपजे संदेश को महज साफ-सफाई की जरूरत तक नहीं समेटा जा सकता। इसे महज बाजार की प्रवृत्ति कह देना भी जल्दबाजी होगी। राजनीति जैसी गतिविधि के हित-अहित पर इसका आकलन...
More »सात समंदर पार से वापस आए छोरे ने कर दिखाया यह कमाल!- यास्मीन सिद्दिकी
जयपुर.अंधेरे में डूबे रहने वाले टोंक जिले के टोडारसिंह मंडल गांव और उसके आसपास की ढाणियों के लिए सरकार जो काम नहीं कर पाई, वह सात समंदर पार से आए एक युवक ने कर दिखाया। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग करने वाले जयपुर के युवक यशराज खेतान सोलर पैनल के जरिये इन गांव-ढाणियों को रोशन कर रहे हैं। बिजली वितरण के लिए वे अपने साथ...
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