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विचारधारा के भंवर में - एम के वेणु

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक सुधार के अर्थों को पुनर्परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। सीआईआई और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में भारतीय और वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अरुण जेटली ने सलाह दी कि भारत जटिल सामाजिक-आर्थिक संरचना वाला एक विकासशील समाज है, इसलिए उद्यमी समुदाय को 'बिग-बैंग' सुधारों और कुछ सनसनीखेज विचारों के क्रियान्वयन की उम्मीद नहीं करनी...

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पहले मन साफ कीजिए, फिर सड़क- हर्षमंदर

इन दिनों देश में साफ-सफाई को लेकर एक बड़े सामाजिक आंदोलन की गहरी कसक दिखाई पड़ रही है। गांधी के नाम को याद किया जाने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़कर स्वच्छता अभियान की अगुवाई की। उनके मंत्रियों और अधिकारियों ने कैमरों के आगे झाड़ू पकड़े। कॉलेज और स्कूलों के बच्चों ने गंदगी के खिलाफ और अपने आस-पड़ोस को साफ-सुथरा रखने की शपथ ली। इसके पहले प्रधानमंत्री ने...

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थर्ड जेंडर समुदाय की पहचान के लिए जिला स्तरीय समितियां

रायपुर(ब्यूरो)। राज्य सरकार ने तृतीय लिंग (थर्ड जेंडर) समुदाय की पहचान और उन्हें शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सभी जिलों में जिला स्तरीय समितियों के गठन का आदेश जारी कर दिया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार हर जिले में कलेक्टर या अपर कलेक्टर इस समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति में संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, एक सामाजिक कार्यकर्ता, तृतीय लिंग...

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थर्ड जेंडर को स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग देगी सरकार

रायपुर। थर्ड जेंडर समुदाय के लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वरोजगार के लिए कौशल उन्नयन कार्यक्रम के तहत फैशन डिजाइनिंग, फिजियोथेरेपी, कुकिंग और टेलरिंग जैसे कार्यों में प्रशिक्षित किया जा सकता है। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने मंगलवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में थर्ड जेंडर के व्यक्तियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के संबंध में समाज कल्याण विभाग की बैठक ली। मुख्य सचिव ने शीघ्र...

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लोक से कटा गंगा-विमर्श -- अनिल चमड़िया

जनसत्ता 15 अक्तूबर, 2014: गंगा के बारे में जो धारणा भारतीय जन-मानस के बड़े हिस्से में सचेतन रूप से खड़ी की गई है, वह केवल धार्मिकता से जुड़ी है। वह धार्मिकता भी बेहद एकांगी है। इस पूरी धारणा ने मानवीय जीवन और खास तौर से समाज की सामूहिक चेतना को बुरी तरह से खंडित किया है। इसने प्रकृति के साथ जीवन के रिश्तों को समझने और उसे समृद्ध करने की...

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