जनसत्ता 14 फरवरी, 2013: मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गरीबी एक आर्थिक और राजनीतिक समस्या के बजाय अब केवल वित्तीय समस्या रह गई है। केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता अब न बेरोजगारी है, न महंगाई। देश की इन दो सबसे बड़ी समस्याओं से मुंह चुराने का उसने एक आसान उपाय निकाल लिया है। देश के गरीब लोगों के हाथ में दमड़ी रख दो; इससे सरकार के कल्याणकारी...
More »SEARCH RESULT
माइक्रोफाइनांस और गरीबी- भरत झुनझुनवाला
भारत सरकार का गरीब तबके को छोटे ऋण यानी माइक्रोफाइनेंस देने पर जोर है. इन ऋणों को अधिकतर महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वितरित किया जाता है. सोच है कि ऋण से महिलाएं बकरी, दूध, परचून, फेरी आदि के धंधे कर सकेंगी. उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी और परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी. इसी तरह से बांग्लादेश के मोहम्मद युनूस द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक द्वारा करीब 40 लाख महिलाओं...
More »महिलाओं के हाथ में गांव का पानी प्रबंधन
राजधानी रांची से सटी पंचायत है खिजरी. नामकुम प्रखंड क्षेत्र में आने वाली इस पंचायत के नया टोला की आरती देवी की जिंदगी अब घर-परिवार व बच्चों तक सीमित नहीं है. आरती अब गांव में जल प्रबंधन का काम देखती हैं. उनके सरोकार अब एक सामान्य गृहिणी से बडे हैं. वे लोगों को पानी का बिल भी थमाती हैं और शुल्क की वसूली भी करती हैं. दरअसल उनके यहां ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना...
More »भुखमरी और कुपोषण के बीच संसद की स्थायी समिति की नई रिपोर्ट
भुखमरी और कुपोषण को मिटाने के मामले में देश कौन से कदम उठाये, इस बारे में जारी बहस को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की समीक्षा के लिए बनी स्थायी समिति की रिपोर्ट ने नए सिरे से छेड़ दिया है। गौरतलब है कि रिकार्डतोड़ अन्न-उपार्जन और साल-दर साल बनी रहने वाली उच्च वृद्धि दर के बावजूद कुपोषण और भुखमरी को मिटाने के मामले में भारत का रिकार्ड संतोषजनक नहीं रहा है।...
More »जननि जग अंधियारा- अनुपमा
देश में प्रति एक लाख में से 254 महिलाओं की प्रसव के दौरान मृत्यु हो जाती है. झारखंड में यह आंकड़ा 312 है और राज्य के गोड्डा जिले में 700. अनुपमा की रिपोर्ट. केस 1 11 जुलाई, 2012. गोड्डा जिले के बालाजोर गांव में 28 साल की एक गर्भवती महिला दमयंती तुरी को शाम करीब पौने छह बजे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. 10 दिन पहले टिटनस का इंजेक्शन लेने के बाद...
More »