कभी हमारे घरों को अपनी चीं..चीं से चहकाने वाली गौरैया अब नजर नहीं आतीं हैं। करीब 10 सालों से यह घरेलू पक्षी शहर से विलुप्त हो चुकी है। गांवों की तरफ भी कभी- कभार चहचहाहट सुनाई पड़ती है। घरों की बदलती डिजाइन, इलेक्ट्रिक पंखे समेत कई ऐसे कारण हैं जो नन्हीं गौरैया को बेदखल करने के लिए जिम्मेदार है। वन विभाग ने भी कभी इनके संरक्षण की दिशा में ठोस...
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इंटरनेट से मिलेंगे जमीन के रिकार्ड, आबादी भूमि का भी होगा सर्वे
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब कोई भी भू-स्वामी या व्यक्ति अपने जमीन के रिकार्ड को इंटरनेट के माध्यम से कभी भी, कहीं से भी देख सकेगा और उसकी प्रतिलिपि भी प्राप्त कर सकेगा। ऐसी प्रतिलिपियों को साक्ष्य के रूप में मान्यता देने का भी प्रावधान किया जा रहा है। राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने शनिवार को विधानसभा में विभागीय अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। राजस्व...
More »आरटीआइ मांगनेवालों को पूरी सुरक्षा
पटना : सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून को ज्यादा सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए राज्य सूचना आयोग और गृह विभाग ने एक खास पहल की है. इसके तहत किसी सरकारी कार्यालय या अन्य किसी संस्थानों में आरटीआइ के माध्यम से सूचना मांगनेवालों की अब पूरी तरह से सुरक्षा की जायेगी. सूचना मांगने वाले किसी व्यक्ति को अगर झूठे मुकदमा में फंसाया जाता है, तो वे इसकी शिकायत सीधे गृह...
More »आधार बिल :राष्ट्रहित में साझा होंगी आपकी गोपनीय सूचना
नयी दिल्ली : संसद ने 'आधार' के जरिये कल्याण योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक सीधे पहुंचाने वाले विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी. सरकार की ओर से धन विधयेक के रूप में रखे गये इस विधेयक में राज्यसभा ने पांच संशोधनों के साथ लोकसभा को लौटा दिया. बाद में लोकसभा ने इन संशोधनों को अस्वीकार कर दिया. इससे पहले लोकसभा आधार विधेयक 2016 को शुक्रवार को पारित...
More »कहीं पत्रकारिता की शक्ल अचानक बदलने तो नहीं लगी...?-- सुधीर जैन
पत्रकारिता पर क्या वाकई विश्वसनीयता का संकट आ गया है...? यह सवाल विद्वान लोग उठाते थे, अब जनसाधारण में ये बातें होने लगी हैं। पहले और अब में एक फर्क यह भी है कि पहले अपनी विश्वसनीयता के कारण पत्रकारिता जनता पर जितना असर डालती थी, अब उतना नहीं डाल पाती। अब तो मीडिया का पाठक या दर्शक हाल के हाल उसकी ख़बरों और खयालों पर टीका-टिप्पणी करने लगा है।...
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