प्रदीप श्रीवास्तव, नई दिल्ली। तमाम दिक्कतों, सरकारी अवरोधों को गिनाने के साथ मणिशंकर अय्यर मानते हैं कि पंचायत राज व्यवस्था ने जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्रशिक्षित लाखों लोगों की एक फौज खड़ी की है। खासकर इससे महिलाओं को आगे लाने में काफी कामयाबी मिली है। पंचायती राज के जरिए जनता देश में 38 लाख प्रतिनिधि चुनती है। इसमें 14 लाख महिलाएं होती हैं। अय्यर के मुताबिक, पिछले 20...
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दंडकारण्य का दावानल- कनक तिवारी
जनसत्ता 29 मई, 2013: सुकमा से राष्ट्रीय शोक का एक मर्मांतक ज्वालामुखी पैदा हुआ है। कांग्रेस के काफिले पर नक्सलियों ने घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग की। उसमें पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं समेत करीब तीस लोग मारे गए। बस्तरिहा घाटियों में माओवादियों द्वारा यह पहला नरसंहार नहीं था। माओवादी वर्षों से अपनी क्रूरता के घिनौने कारनामे अंजाम दे रहे हैं। ताजा हमला विशेष मायने रखता है। कांग्रेसी राजनीतिकों का काफिला...
More »तोते का पिंजरा और आकाश- शीतला सिंह
जनसत्ता 11 मई, 2013: हम जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो कहते हैं, सर्वोच्च न्यायालय की दृष्टि में वह और कुछ नहीं, बल्कि सरकारी ‘पिंजरे का तोता' है जिसके कई मालिक हैं। न्यायालय ने यह राय कोयला घोटाले की जांच की प्रगति-रिपोर्ट उसे सौंपे जाने से पहले सरकार से साझा किए जाने पर जाहिर की है। रिपोर्ट को कानून मंत्री के अलावा कोयला मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिवों ने भी...
More »पंचायतों को मजबूत बनाने की जरूरत:पीएम
नयी दिल्ली : नौकरशाही द्वारा अभी भी निर्वाचित स्थानीय निकायों के साथ अधिकार साझा करने में अनिच्छा दिखाने पर खेद जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंचायती राज संस्थाओं को और मजबूत तथा अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए इस सोच में तुरंत बदलाव की जरुरत बताई. प्रधानमंत्री ने कहा, पंचायतों को जिम्मेदारी और सही अर्थो में अधिकार देने के लिए अभी भी काफी कुछ किये जाने की जरुरत है.’’ प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायती...
More »जाति की जटिलताएं- योगेश अटल
जनसत्ता 19 अप्रैल, 2013: पिछले कुछ दिनोंसे यात्रा पर हूं और जिस शहर में गया वहां उत्सुकतापूर्वक मैंने हिंदी के अखबार पढेÞ, ताकि जान सकूं कि उनमें किस तरह की खबरें छपती हैं। किसी भी दिन कोई ऐसा अखबार नहीं मिला, जिसमें जाति के विषय में खबर न छपी हो। जाति का सम्मलेन, जाति की प्रतिभाओं का सम्मान, जाति के किसी समारोह में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति, जबकि...
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