हर वर्ष असर की रिपोर्ट के माध्यम से हम देश में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की बुनियादी दक्षताओं का आंकलन करते हैं. असर की रिपोर्ट को देखेंगे, तो उससे स्पष्ट है कि हमारी जड़ें ही कमजोर हैं. देखा गया है कि बच्चे आठवीं कक्षा तक पहुंच जाते हैं, लेकिन उन्हें बुनियादी ज्ञान नहीं होता. जाहिर है कि कमजोर नींव पर खड़ी गयी इमारत कमजोर होगी. हर साल...
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प्रचारों पर टिकीं उपलब्धियां-- पवन कुमार वर्मा
संसार की सच्चाइयों के परे, क्या कहीं प्रचार-प्रसार की कोई सीमा भी है? क्या सभी चीजें उनकी वास्तविकताओं में नहीं, वरन उनकी प्रस्तुति में ही परखी जा सकती हैं? क्या सत्य स्व-विज्ञापन के वाष्प से सृजित एक मरीचिका मात्र है? या कि यदि विज्ञापन अपने दावे के अतिरेक की वजह से वास्तविकता से बहुत विलग हो जाये, तो वह स्व-विनाशक भी हो उठता है? हमारी वर्तमान सरकार प्रचार की जिस...
More »स्कूली शिक्षा के उजले व स्याह पहलू-- हरिशंकर चतुर्वेदी
इन दिनों परीक्षाफल का मौसम है। हमारे देश में 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे खास महत्व रखते हैं, क्योंकि ये एक ओर स्कूली शिक्षा की दशा का एहसास कराते हैं, तो दूसरी ओर इनसे उच्च शिक्षा के भविष्य की पड़ताल की जा सकती है। 12वीं की परीक्षा संचालित करने के लिए देश में 53 अधिकृत बोर्ड हैं, जिनमें सीबीएसई को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष सीबीएसई का...
More »वायु प्रदूषण से कमजोर हो रहे हैं लोगों के दिल, हर साल होती हैं 55 लाख मौतें
मल्टीमीडिया डेस्क। प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के दिल उन लोगों की तुलना में कमजोर हैं, जो नियमित रूप से स्वच्छ हवा में सांस लेते हैं। यह जानकारी एक नए अध्ययन में सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि यह सबूत है कि जीवाश्म ईंधन लोगों की जान ले रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि जब डीजल वाहनों से जुड़े प्रदूषण का स्तर यूरोपीय संघ द्वारा निर्धारित सेफ्टी...
More »मोदी सरकार के तीन साल-- योगेन्द्र यादव
नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल के तीन बुनियादी सच हैं. इनमें से किसी भी सच से मुंह चुराना यानी आज हमारे देश की राजनीति से मुंह चुराना है. पहला सच है: नरेंद्र मोदी आज पूरे देश में लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं. दूसरा सच है: नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता उनके कामों और उपलब्धियों के कारण नहीं है, बल्कि उनकी छवि पर आधारित है. तीसरा सच है: मोदी की छवि कुछ तो...
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