इंदौर। पांच सौ रुपए का पुराना नोट नहीं चलने से बूढ़े मां-बाप जवान बेटे का शव लेकर चार घंटे तक एमवायएच के गेट पर बैठे रहे, जबकि मुश्किल से पांच किमी दूर ही शव ले जाना था, लेकिन गाड़ीवाले पुराने नोट लेने को तैयार नहीं थे। घटना शनिवार सुबह 8.30 से 12.30 की है। इस दिन स्वास्थ्य मंत्री का भी दौरा था, लेकिन प्रबंधन की तरफ से किसी ने उनकी...
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राजद्रोह का चना जोरगरम-- चंदन श्रीवास्तव
फिल्म प्यासा का गीत है- ‘सर जो तेरा चकराये या दिल डूबा जाये', एक जगह तनिक छेड़ के साथ पात्र कहता है कि ‘लाख दुखों की एक दवा है क्यों ना आजमाये.' ऐसी दवा साहित्य के पन्नों में मिला करती है, लेकिन लगता है अब राजनीति ने भी यह दवा खोज निकाली है. सार्वजनिक महत्व के मसले पर राजनीतिक असहमति से उपजनेवाले तमाम दुख-दर्दों से छुटकारे की इस दवा का...
More »बंधुआ मजदूरी व यौन शोषण के चलते महिलाओं की तस्करी बढ़ी
केस एकः शादी का झांसा सिंगरौली में 19 वर्षीय युवती को पड़ोसी सुनीता ने कोलकाता में शादी कराने और उसकी चार बहनों व एक भाई को साथ रखने का झांसा दिया। शादी के लिए जिस युवक का परिचय कराया, वह 11 सितंबर को सिंगरौली पहुंचा और लड़की को उसके बहन-भाई सहित एक होटल ले गया। समय रहते लड़की को शक हुआ तो वह पुलिस के पास पहुंची। पुलिस की कार्रवाई...
More »7 दिन, 3 जिले, 4 अस्पताल, नहीं हो सकी गर्भवती की सोनोग्राफी
प्रमोद त्रिवेदी, इंदौर। यह खबर राज्य सरकार के दावों की पोल खोलती है। सात दिन, तीन जिले, चार सरकारी अस्पताल और 650 किमी भटकने के बावजूद एक गर्भवती महिला की सोनोग्राफी नहीं हो सकी। एक जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन खराब है तो दूसरे में लैब टैक्निशियन 10 दिन के अवकाश पर है। राजधानी के सुल्तानिया जनानी अस्पताल ने तो उसे इसलिए लौटा दिया क्योंकि मामला गुना जिले का है। महिला...
More »MP: रुपए नहीं थे तो कूड़ा इकट्ठा कर किया पत्नी का अंतिम संस्कार, पंचायत ने नहीं दी मदद
मध्य प्रदेश में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। इंदौर से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित रतनगढ़ गांव में एक आदिवासी को अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार कागज, टायर, प्लास्टिक बैग और झाड़ियों से करना पड़ा क्योंकि उसके पास लकड़ी खरीदने के पैसे नहीं थे। अपनी पत्नी की मौत से दुखी और पंचायत के इस बेरहम रुख के कारण उसे पत्नी की चिता जलाने के लिए तीन...
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