SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 145

पंचायतों में सुधार का आधार-- गौरव कुमार

गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान को अनिवार्य करने संबंधी कानून के बाद अब राजस्थान सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए एक नया कदम उठाया है। राजस्थान सरकार ने पिछले दिनों एक अध्यादेश जारी कर पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी। इसके अनुसार सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास और अधिसूचित क्षेत्र के उम्मीदवार के लिए पांचवीं पास होना जरूरी...

More »

क्या हम संविधान के अनुरूप चल रहे हैं?-- श्योराज सिंह बेचैन

यह एक सुखद संयोग ही है कि पिछले दिनों ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जन्मतिथि के 125 वर्ष पूरे हुए हैं। दोनों महापुरुषों ने गरीबों, दलितों और स्त्रियों की शिक्षा पर विशेष बल दिया। पर इनके आदर्शों को मानने-न मानने वालों-दोनों ने शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। अब सरकारी और सस्ती शिक्षा शायद ही कहीं मिलती हो। पिछले दिनों संविधान दिवस के अवसर पर संसद...

More »

सब्सिडी को कैसे करें काबू?-- वरुण गांधी

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए सार्वजनिक कर्ज की ब्याज अदायगी के लिए 4,55,145 करोड़ रुपये रखे हैं। इसमें तेल विपणन कंपनियों और फर्टीलाइजर कंपनियों के लिए दी गई विशेष प्रतिभूतियां शामिल हैं। फर्टिलाइजर कंपनियों को दी जाने वाली कुल सब्सिडी 72,968 करोड़ रुपये है, जिनमें से छठा हिस्सा आयातित यूरिया के लिए रखा गया। हमारी खाद्य सब्सिडी की कुल लागत 1,24,419 करोड़ की है, इसमें 64,919 करोड़...

More »

आदिवासियों के लिए नए खतरे-- के सी त्यागी

निजी क्षेत्र के उद्योगों को वन भूमि आवंटित करने वाले सरकार के हालिया फैसले ने एक बार फिर आदिवासियों को चिंतित किया है। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले से निजी कंपनियों को पेड़ों की कटाई की आजादी होगी। यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जा सकता है, लेकिन साफ है कि इस दिशा में किसी भी तरह का संशोधन वन अधिकार अधिनियम को...

More »

दर्शकों तक पहुंचने की कठिन डगर - मृणाल पांडे

किसी भी लोकतांत्रिक देश की सरकार और आम आबादी के बीच सहज-सतत संवाद हर कल्याणकारी राज्यव्यवस्था की बुनियादी जरूरत होती है। जब सरकार ने (बीसवीं सदी के अंतिम दशक में) सूचना प्रसार मंत्रालय की मातहती में चलाई जाती रही रेडियो-टीवी की प्रसारण सेवाओं को प्रसार भारती नामक स्वायत्त इकाई को सौंपा था तो शायद उसके पीछे उसके मार्फत राज्य व नागरिकों के बीच एक भरोसेमंद-मजबूत पुल बनाने का ही लक्ष्य...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close