नयी दिल्ली, 6 अप्रैल (एजेंसियां) downloadसुप्रीम कोर्ट ने देश में सूखे की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को आज आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने एनजीओ ‘स्वराज अभियान' की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि देश के 9 राज्य सूखे से प्रभावित हैं और केंद्र सरकार इस पर अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती। पीठ ने इससे निपटने के...
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क्या गरीबी एक राजनीतिक पूंजी है? - विजय संघवी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में कहा कि भारत में गरीबी कायम रखने में कांग्रेस का योगदान था, क्योंकि गरीबों को वे वोटबैंक की तरह मानते थे। शाह ने जो कहा, वह एक राजनीतिक आम धारणा भी है। लेकिन इस कथन की विस्तार से पड़ताल करने के लिए हमें इसके विभिन्न् परिप्रेक्ष्यों को ठीक से समझना होगा। जॉन राल्स्टन सॉल ने तीन तरह के छवि-निर्माताओं की तस्दीक की है।...
More »कानूनी 'आधार' मिलने के मायने - सीता
आधार बिल का पास होना कितना महत्वपूर्ण है? वास्तव में यह बेहद महत्वपूर्ण है! पिछले हफ्ते दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तत्वावधान में हुई एडवांसिंग एशिया कांफ्रेंस में मौजूद बहुतेरे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने सरकार के इस कदम की तारीफ की। इस कानून का सीधा सरोकार सबसिडी के डायरेक्ट कैश ट्रांसफर से है और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सबसिडी की...
More »5 साल में किसानों की आमदनी दुगुना, विकास का कसीनो मॉडल तो नहीं
बजट 2016 में केंद्र सरकार ने गांव और किसानों को तवज्जो दी गयी है इसके विषय में कई बाते कहीं जा रही है। कोई इसे ग्राम देवता का बजट बता रहा है तो कोई किसान देवता का। लेकिन विशेषज्ञ सरकार के गांवो में प्रति समर्पित बजट के सवाल पर बंटे हुए हैं। योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजित सेन कहते हैं कि वित्त मंत्री अरूण जेटली को अपने बजट मे...
More »मोदी के बताए मार्ग से गांव की ओर मुड़ने को मजबूर हुए जेटली-- विनोद अग्निहोत्री
अपने पिछले दो बजटों से उलट मोदी सरकार ने तीसरे बजट में सरकारी खजाने का पिटारा गांव और किसान की तरफ खोलते हुए अपनी सूट बूट की सरकार की छवि बदलने की जो कोशिश की है,वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर की गई है। बजट भले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बनाया हो, लेकिन इस बजट के लिए विशेष इनपुट खुद प्रधानमंत्री ने अपने वित्त मंत्री को...
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