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पिछड़ता क्यों गया उत्तर प्रदेश-- हरिवंश चतुर्वेदी

आबादी, क्षेत्रफल और राजनीतिक प्रभुत्व के लिहाज से देश के तमाम राज्यों में उत्तर प्रदेश कितना ही आगे क्यों न हो, औद्योगिक विकास की दौड़ में यह पिछले 25 वर्षों में लगातार पिछड़ता गया है। नतीजतन, उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय व राष्ट्रीय आय में फर्क लगातार बड़ा बना हुआ है और मानव विकास के पैमानों पर इस प्रदेश की गिनती अब देश के सर्वाधिक पिछड़े राज्यों के साथ...

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रकबा घटा तो ईजाद किया नया फॉर्मूला- बीज बोएं आधा, उत्पादन दोगुना

रायपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। छत्तीसगढ़ समेत देशभर में जहां खेती का रकबा घटने से किसान संकट में हैं, वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने अब किसानों के तनाव को खत्म करने का काम शुरू कर दिया है। इंदिरा गांधी कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने चना बोने की एक ऐसी तकनीकी विकसित कर डाली है, जिससे उतनी ही जमीन पर करीब 40 फीसदी अधिक चने का उत्पादन किया जा सकेगा। साथ ही बीज भी पहले...

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प्रदूषण की भेंट चढ़ता जीवन-- पीयूष द्विवेद्वी

सर्वोच्च न्यायालय ने देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक बार फिर सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि दिल्ली में प्रतिदिन औसतन आठ लोग वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से मरते हैं। इसके अलावा न्यायालय ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों तथा सरकारों से भी प्रदूषण की रोकथाम को लेकर पूर्ण कार्य-योजना पेश करने को...

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इंटरनेट विस्फोट के लाभ-- बिभाष

हाल ही में एक बड़ी कंपनी द्वारा मोबाइल सेवाएं प्रारंभ करने के बाद मोबाइल सिम हासिल करने के लिए लोगों की भारी भीड़ कंपनी-विशेष के काउंटरों पर जमा हो गयी है. लोग सिम पाने के लिए हर प्रकार का जुगत कर रहे हैं. कारण है बड़े ही सस्ते दर पर मोबाइल सेवाएं, खासकर इंटरनेट देने का प्लान. हालांकि, मुफ्त फोन काॅल दर भी आकर्षण का एक कारण है, लेकिन सस्ता...

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जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह

ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...

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