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मौसम की अटकलों से बढ़ती दुविधा - प्रमोद भार्गव

बरसात से पूर्व मौसम विभाग द्वारा मानसून की भविष्यवाणियों में फेरबदल चिंता का सबब बन रहा है। मई की शुरुआत में सामान्य से पांच फीसद कम बारिश की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन 9 जून को औसत से सात प्रतिशत कम वर्षा का अंदेशा जताया गया। यानी आज भी हमारा मौसम विभाग सटीक भविष्यवाणी करने की स्थिति में नहीं है। इस पर चिंतित होना इसलिए लाजिमी है, क्योंकि पिछले कुछ...

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अब तक सामान्य से 43 फीसदी कम बारिश...

नई दिल्ली। कमजोर मानसून की आशंकाओं के साथ 9 राज्यों में खरीफ की फसल को लेकर चिंता गहराने लगी है। मौसम विभाग के मुताबिक, एक से 10 जून के बीच देश में 20.6 एमएम बारिश हुई, जो कि सामान्य से 43 फीसदी कम है। हालांकि, मानसून ने मध्य अरब सागर, तटीय कर्नाटक और पूरे गोवा को कवर कर लिया है।  बारिश कम होने की वजह से उत्तर पश्चिम से मध्यम पश्चिम के बीच 9...

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उधर अटका मानसून, इधर अटकी सांसें..

नई दिल्ली। केरल में मानसून के अटकने के साथ ही सभी की सांसें अटक गई हैं। मानसून के कमजोर पड़ने के कारण सूखे की आशंका से जहां किसान परेशान हैं, वहीं आम लोगों को प्रचंड गर्मी से तत्काल निजात मिलना मुश्किल लग रहा है। तय समय से पांच दिन पीछे चल रहे दक्षिण पश्चिम मानसून के खासतौर पर उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में कमजोर रहने का अनुमान है। मौसम विभाग...

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चक्रवात के शेष प्रश्न

बेशक ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके में “ राहत और बचाव कार्य के मामले में एक चमत्कार हुआ है ” लेकिन आपदा-प्रभावितों के पुनर्वास की चुनौती भी समान रुप से महत्वपूर्ण है। क्या निकट भविष्य में, ओडिशा, झारखंड और बिहार के लिए चक्रवात से हुए नुकसान की भरपाई कर पाना संभव होगा?( इन राज्यों में हुए नुकसान के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) तथ्यों का संकेत है कि- ‘नहीं’।...

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समुद्र से तबाही के तूफान- संदीप निगम

चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ तबाही की कहानी लिख कर कमजोर पड़ चुका है. देश की वैज्ञानिक प्रगति, मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी और आपदा प्रबंधन को लेकर राज्य एवं केंद्र सरकारों के बीच सही तालमेल ने साबित किया कि प्रकृति के कहर को रोका भले न जा सकता हो, लेकिन इसके असर को न्यूनतम किया जा सकता है. समुद्र से चक्रवाती तूफान उठने के कारणों और उसके विभिन्न प्रकार की जानकारी दे रहा...

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