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सस्ती जमीन, पर बेशकीमती रोजगार- एम एन बुच

इन आम चुनावों में गुजरात सरकार पर बार-बार आरोप लगाया जा रहा है कि उसने पूंजीपतियों को कौड़ियों के मोल जमीन बांट दी है। इसमें व्यक्ति विशेष का उल्लेख किया जा रहा है, परंतु यह नहीं बताया जा रहा कि राज्य सरकार की नीति ही है कि उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए औद्योगिक इकाइयों को इसी दर पर जमीन दी जाए। यदि आवंटन में और आवंटन शुल्क में पक्षपात...

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आवास के लिए बनेगा भूमि बैंक

पटना: राज्य सरकार ने निम्न व मध्यम आय वर्ग के लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए अब बाजार दर पर जमीन खरीदने का फैसला किया है. इसके लिए भूमि बैंक की स्थापना की जायेगी और यह बैंक जरूरत के हिसाब से आवासीय भूखंडों के लिए सरकार को जमीन उपलब्ध करायेगा. राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. मंत्रिमंडल की बैठक...

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राजनीतिक दलों के एजेंडे में हाशिये पर गांव- शिकोह अलबदर

हाथ छाप को दिया, फूल (कमल) को दिया, जहां बोला वहां दे दिया, अब तक पांच बार वोट दिया है, कुछछो नहीं मिला. यह कहते हुए पचहत्तर की उम्र पार कर चुकी पार्वती देवी धान उसनने के काम में फिर से लग जाती हैं. पार्वती देवी रांची के ओरमांझी प्रखंड के उलातु गांव की रहने वाली हैं. चुनाव होते हैं. सांसद और विधायक चुने जाते हैं. लेकिन इस गांव की...

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पिछड़े राज्यों को हक देना केंद्र का दायित्व- प्रो संजीव बजाज

झारखंड बने 13 साल से अधिक हो चुके हैं, पर यह आज भी अति पिछड़े राज्यों की गिनती में आता है. किसी भी राज्य के विकास में केंद्रीय सहायता का विशेष योगदान होता है. झारखंड में केंद्रीय सहायता की अपर्याप्त मात्र की वजह से आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को गति नहीं मिल पायी.  झारखंड के निर्माण के समय भी राज्य में आधारभूत संरचनाओं की अत्यधिक कमी थी.  साथ ही राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य,...

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जनहित याचिका के ऐतिहासिक नतीजे

हम अपने संविधान की चाहे जितनी आलोचना कर लें और इसे जितना बेकार कह लें, सच यह है कि अब तक इसने ही देश के नागरिकों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया है और उस अधिकार के अतिक्रमण को दूर करने का रास्ता भी इसी ने दिया. इसका एक बड़ा उदाहरण है जनहित याचिका. यह जनता के संवैधानिक अधिकारों के इस्तेमाल और अदालत के कानूनी अधिकार से ही संभव हुआ...

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