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हलमा: सामुदायिक भागीदारी से सूखे का हल निकालते झाबुआ के आदिवासी

मोंगाबे हिंदी, 02 मई मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सूखे पहाड़ गर्मी की शुरुआत में ही आग उगल रहे हैं। साढ़ गांव की बाड़ी बोदरी फलिया की एक बेहद जर्जर झोपड़ी में 12 साल की गली अपने से छोटे दो भाई-बहनों के लिए चूल्हे पर रोटी सेक रही है। गली, संता और केतन के माता-पिता दिवाली पर मजदूरी के लिए गए थे। तब से वापस नहीं लौटे हैं। पड़ोस में...

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पंजाब, हरियाणा कर रहे गेहूं के वैल्यू कट की भरपाई तो दूसरे राज्य क्यों नहीं

रूरल  वॉइस, 19 अप्रैल मार्च के दूसरे पखवाड़े में गेहूं उत्पादक कई राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है और गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। किसानों को नुकसान से बचाने के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान ने केंद्र सरकार से खरीद मानकों में छूट देने की मांग की थी जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया। मगर केंद्र ने सरकारी खरीद में...

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ग्राउंड रिपोर्ट: गेहूं के खेतों से खेल रही है आग, पेट का सवाल और सदमे में किसान

जनचौक, 12 अप्रैल उत्तर प्रदेश के गेहूं किसान समय से पहले चढ़े तापमान से प्रभावित फसल और तूफान-बारिश के नुकसान का जख्म अभी भरा भी नहीं था। हर आपदा-विपदा सहकर खेतों में बची फसल की कटाई-मढ़ाई कर घर लाने की जुगत में थे। इसी बीच अब सूबे के जनपदों में हो रही गेहूं के खेतों में अगलगी की घटनाओं से किसान सहम गए हैं। अगलगी से पीड़ित किसानों के अरमान चंद मिनटों...

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‘न बारिश का भरोसा है, न सरकार से कोई उम्मीद’

 पारी हिंदी, 11 अप्रैल एक रात में ही ताईबाई घुले को क़रीब एक लाख रुपए का नुक़सान झेलना पड़ा था, ऐसा वह अनुमान लगाती हैं. उस रोज़ जब अचानक भारी बारिश शुरू हो गई थी, तब 42 वर्षीय ताईबाई अपने गांव से 9 किलोमीटर दूर भालवनी में थीं. भेड़ और बकरियां चराने वाली ताईबाई बताती हैं, “शाम 5 बजे बरसात शुरू हुई थी और आधी रात के बाद तेज़ हो गई.” ताज़ा-ताज़ा...

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प्रकृति के बचाव के लिए नए वैश्विक लक्ष्यों को कैसे पूरा करेगा भारत?

द थर्ड पोल, 11 अप्रैल दिसंबर 2022 में दुनिया की सरकारें हर जगह जैव विविधता यानी जंगली पौधों और जानवरों के तेज़ी से गायब होने की समस्या से निपटने के लिए कई कार्रवाइयों पर सहमत हुईं। कुछ विशेषज्ञों ने द् थर्ड पोल को बताया कि भारत को इन लक्ष्यों को असलियत बनाने में कुछ चीज़ों पर ध्यान देना होगा। जैसे: हैबिटैट संपर्क, ऐसे इकोसिस्टम जिन पर ध्यान नहीं दिया गया और...

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