ग्लोबल वार्मिंग में कोई ख़ास योगदान ना होने के बावजूद, बिहार को जलवायु परिवर्तन के अंजाम भुगतने पड़ रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का सबसे ज़्यादा असर बिहार में खेती पर पड़ा है। बेमौसम बरसात, मॉनसून की बारिश का लगातार कम होना और तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी ने बिहार की खेती की तस्वीर बदल कर रख दी है। कभी फ़ायदे का सौदा कही जाने वाली खेती में अब नुकसान के अलावा...
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बेमौसमी बारिश से हुई धान खराब, गेहूं की बुआई में देरी
पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिले में हुई बारिश की वजह से किसानों की धान की फसल चौपट हो गई है। खेतों में बारिश का पानी भरने से कटाई कर रखी गई धान की फसल खराब हो रही है। कुछ जगह पर कटाई नहीं होने से खेत में ही फसल लेट गई है। प्रदेश के वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, भदोही में बारिश ने धान की खेती को भारी नुकसान पहुंचाया...
More »दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद
2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...
More »क्या सिर्फ़ साल बदलने से गड्ढे से बाहर आ जाएगी अर्थव्यवस्था?
दोनों ने किया इक़रार मगर मुझे याद रहा तू भूल गई... अब आप इसे जनता की तरफ़ से सरकार के लिए गा लीजिए या शेयर बाज़ार की तरफ़ से इकॉनमी के लिए। ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा। 2019 की कहानी कुछ ऐसी ही कहानी रही। लोगों ने बड़े अरमानों से मोदी सरकार को दोबारा कुर्सी तक पहुँचाया। उन्हें भी और जिन्होंने इस सरकार को वोट नहीं दिया उन्हें भी उम्मीद यही थी कि...
More »कैसे साफ होगी गंगा?
‘गंगा नदी नहीं, मेरी मां है’, हाल में इस उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री ने गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाए जाने के लिए अपने कोष से सोलह करोड़ तिरपन लाख रुपए दान दिए। गंगा नदी के लिए किसी प्रधानमंत्री ने अपने कोष से इतनी बड़ी राशि दान दी हो, ऐसा पहले कभी देखने में नहीं आया। राष्ट्रीय गंगा परिषद् की कानपुर में हुई समीक्षा बैठक से पहले प्रधानमंत्री ने नमामि...
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