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सूबे के 23 लाख किसानों को मिलेगा फसल बीमा का लाभ

पटना: इस वर्ष राज्य में 23 लाख किसानों ने फसल बीमा कराया है. कितने किसानों को इसका लाभ मिलेगा. इसका फिलहाल आकलन किया जा रहा है. करीब एक महीने बाद इसकी रिपोर्ट तैयार होने की संभावना है. इसके बाद किसानों को बीमा की राशि का भुगतान देने की प्रक्रिया शुरू होगी. पिछले साल 18 लाख 60 हजार किसानों को फसल बीमा योजना में शामिल किया गया था. इनमें 16 लाख किसानों...

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क्या गरीब ऐसी ही मौत को अभिशप्त हैं?- रुचिर गर्ग

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के गृह जिले बिलासपुर के एक गांव में हुए नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद अब तक 12 महिलाओं की मौत हो चुकी है। बहुत-सी महिलाएं गंभीरावस्था में अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। खुद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मुख्य सचिव को साथ लेकर बिलासपुर पहुंचे और उन्होंने अस्पताल में भर्ती पीड़ितों का हाल जाना और दोषियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के आदेश दिए। इस घटना ने...

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टोनही अंधविश्वास ने दस साल में लील ली 200 जानें

रायपुर (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में टोनही का कहर लगातार जारी है। पिछले दस साल में टोनही प्रताड़ना में लगभग 200 लोगों को जान गंवानी पड़ी। इसका सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है, जहां बड़े पैमाने पर बैगा और झाड़फूंक करने वाले महिलाओं को टोनही बता रहे हैं और परिवार के सदस्य ही उनकी बेरहमी से हत्या कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में टोनही प्रताड़ना...

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जन-धन योजना के बाद अब सरकार की घर-घर बीमा उत्पाद पहुंचाने की तैयारी- प्रशांत श्रीवास्तव

नई दिल्ली। मोदी सरकार सभी के बैंक खाते खोलने के अभियान जन-धन की तरह अब बीमा उत्पादों को भी घर-घर पहुंचाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ऐसे बीमा उत्पाद लांच करने की कोशिश में हैं, जिस पर आम आदमी को बहुत कम प्रीमियम देना पड़े। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) बीमा कंपनियों के साथ मिलकर नए तरह के उत्पाद डिजाइन करने की कवायद शुरू भी कर चुका...

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क्या गरीबी कभी खत्म हो सकती है?- लार्ड मेघनाद देसाई

लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...

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