वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की व्याख्या करते हुए विश्वयुद्धों से घायल दुनिया को 10 दिसंबर के दिन सालाना मानवाधिकार दिवस मनाने का संदेश दिया था। उस व्याख्या का मसौदा बाइबिल के बाद दुनिया का सबसे अधिक अनूदित दस्तावेज बताया जाता है। लेकिन मानवाधिकार दिवसों की छह दशक से लंबी श्रंखला और उस पर तमाम गहन चिंतन-मनन के बाद भी दुनिया में मानवाधिकारों की,...
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"स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया": रोजगार बढ़ाने को मोदी सरकार की नई पहल
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्टार्टअप कंपनियों को वित्त सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से "स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया" पहल की घोषणा की। मोदी ने यहां स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि इससे देश के युवाओं में उद्यमशीलता का विकास होने के साथ ही रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। हम...
More »सफाई कर्मचारियों की भी सुनिए- सुभाषिनी अली सहगल
वर्ष 1958 से 31 जुलाई हमारे देश में 'अखिल भारतीय सफाई मजदूर दिवस' के रूप में मनाया जाता है। समाज के दूसरे हिस्से इन कार्यक्रमों से बहुत दूर और पूरी तरह अनभिज्ञ रहते हैं। 22 जुलाई, 1957 को दिल्ली के सफाई कर्मचारियों ने अपना मांग पत्र दिल्ली की नगरमहापालिका के सामने पेश किया था। उसके साथ एक हफ्ते बाद शुरू होने वाली हड़ताल का नोटिस भी संलग्न था। चूंकि मामला...
More »योग का 'ब्रांड' बनाम बुनियादी चुनौतियां - मनोज जोशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं से बहुत संतुष्ट होंगे। वे न केवल देश के नेता हैं, बल्कि अब देश के शीर्ष योगकर्ता भी बन गए हैं। वैसे यह सोचना और देखना थोड़ा अजीब लगता है कि एक सार्वजनिक व्यायाम कार्यक्रम का नेतृत्व स्वयं देश के प्रधानमंत्री करें, लेकिन मोदी भी एक परंपरागत राजनेता कहां हैं! यकीनन, उनके द्वारा ऐसा बहुत सोच-समझकर ही किया गया होगा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 'योग...
More »घरेलू कामगारों के प्रति तंग नजरिया- सुभाषिनी सहगल अली
किसी एक 'दिन' पर मचे सरकारी और गैर-सरकारी शोर में दूसरा उतना ही महत्वपूर्ण या शायद उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण 'दिन' पूरी तरह से छिप जाता है। 16 जून को पड़ने वाले 'अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस' के साथ ऐसा ही हुआ है। 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' पर मच रहे कोलाहल ने देश भर मे अपनी मेहनत के बल पर संपूर्ण अर्थव्यवस्था के बहुत बड़े हिस्से को कायम रखने वाली करोड़ों गरीब...
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