SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 160

उम्मीद जगाती है पर्यावरण संरक्षण की यह सतर्कता

अब जब साल खत्म होने को है, सामान्य सी बात है कि हम अतीत पर नजर डालें, सोचें कि क्या अच्छा हुआ, क्या नहीं। बेहतर तो यही होगा कि हम यह देखें कि पर्यावरण और हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए क्या पहल हुई? पर्यावरण सूचकांक भले ही मंदा दिखे, लेकिन इस एक साल में कुछ ऐसा भी हुआ, जो उम्मीद जगाता है। यह उदाहरण उत्साहित करने वाला है- अमेरिकी मूल...

More »

नदियां अविरल बहेंगी या नहीं हमें तय करना है-- श्रीश चौधरी

ये नदियां नहीं बहेंगी, हम दशाश्वमेध, द्वारकाधीश या केशी घाट पर स्नान नहीं कर पायेंगे, उनका जल पीकर अपने शरीर के घाव एवं मन का पाप नहीं धो पायेंगे, वहां जाकर भी हम आरओ के पानी में स्नान करेंगे और बिस्लेरी ही पियेंगे, तो फिर इन मंदिरों का एवं वैशाख, कार्तिक एवं माघ महीने में वहां मास भर रहने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. पढ़िए अंतिम कड़ी. उन्नीसवीं...

More »

भूजल की फिक्र किसे है-- दीपक रस्तोगी

विज्ञान पत्रिका ‘नेचर जियोसाइंस' का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का तकरीबन साठ फीसद भूजल प्रदूषित हो चुका है। उसका दावा है कि चार दक्षिण एशियाई देशों में फैले इस विशाल क्षेत्र का पानी न तो पीने योग्य बचा है और न ही सिंचाई योग्य। हालत यह है कि कहीं भूजल सीमा से अधिक खारा हो चुका है तो कहीं उसमें...

More »

अजब चिकनगुनियामय देश हमारा - मृणाल पांडे

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पुणे, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे कई बड़े शहर इन दिनों चिकनगुनिया, डेंगू और तमाम तरह की बरसाती पानी के जलभराव से उपजी महामारियों के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तिल धरने की जगह नहीं, घर-घर लोग तड़प रहे हैं और तमाम उपलब्ध सरकारी-गैरसरकारी अस्पताल नाकाफी साबित हो रहे हैं। अधिकतर बीमार शहरी मलिन बस्तियों के वे गरीब हैं, जो हर तरह की नागर सुविधा...

More »

परिवहन की मुख्यधारा बनेगा नदियों का प्रवाह- जयंतीलाल भंडारी

सड़कों को तरक्की का मानक बनाने का एक नतीजा यह हुआ कि अपने जलमार्गों को हम भूल गए, जबकि इन्हें प्राकृतिक पथ कहा जाता है। सड़कें हम बनाते हैं, इन्हें तो कुदरत ने बनाया है। यही प्राकृतिक पथ कभी भारतीय परिवहन की जीवन-रेखा हुआ करते थे। लेकिन समय के साथ आए बदलावों व परिवहन के आधुनिक साधनों के चलते बीती एक सदी में भारत में जल परिवहन क्षेत्र बेहद उपेक्षित...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close