-आउटलुक, “सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे से हम सब परिचित हैं, सरकार को मार्च 2020 में ही सचेत हो जाना चाहिए था कि महामारी का असर ग्रामीण क्षेत्र पर कितना भयावह हो सकता है” जब मैं ये पंक्तियां लिख रहा हूं, देश के ग्रामीण इलाकों से महामारी की वीभत्सता की अनेक तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। हमने बिहार और उत्तर प्रदेश में पावन गंगा में बहती लाशों का हृदय विदारक दृश्य भी देखा है।...
More »SEARCH RESULT
आलेख : नृशंस साम्राज्य
-आउटलुक, “ऐसा प्रचंड संकट आजादी के बाद से नहीं आया था, अब तो मोदी समर्थक भी मानने लगे हैं कि महामारी में सरकार का रवैया सारे दायित्व से हाथ झाड़ लेने का रहा है” इस 9 मई को पिंजरा तोड़ आंदोलन की अगुआ छात्र एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल कोविड महामारी से जंग हार गए। वे दुनिया से विदा होने के पहले अपनी बेटी से मिल या बात नहीं कर...
More »किसान सस्ते और उपभोक्ता महंगे दामों से परेशान, कैसे बढ़ रहे दाम?
-डाउन टू अर्थ, हरिओम मीणा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 13 किमी दूर भैरोंपुर गांव के किसान हैं। उन्होंने तीन एकड़ खेत में टमाटर, ककड़ी और मिर्ची लगाई है। फसल अच्छी लगी है, लेकिन समस्या यह है कि वह उसे बेच नहीं पा रहे हैं। कोविड लॉकडाउन के कारण मंडी बंद हैं। हालत यह है कि टमाटर खेत में ही खराब हो रहा है, दूसरी ओर भोपाल के बाजार में...
More »मलियाना नरसंहार के 34 साल: हाशिमपुरा की तरह क्या यहां के पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा?
-द वायर, 22-23 मई को मेरठ जिले के मलियाना गांव में हुए नरसंहार और मेरठ दंगों के दौरान जेलों में हिरासत में हुईं हत्याओं की 34वीं बरसी है. उस दिन उत्तर प्रदेश की कुख्यात प्रांतीय सशस्त्र पुलिस बल (पीएसी) द्वारा मेरठ के हाशिमपुरा मोहल्ले से 42 मुस्लिम युवकों उठाकर हत्या कर दी गई थी, जबकि अगले दिन 23 मई को पास के मलियाना गांव में 72 से अधिक मुसलमानों को मार...
More »बिना पैसे और दस्तावेज़ों के कोविड-19 की जंग लड़ रहे हैं रोहिंग्या शरणार्थी
-न्यूजक्लिक, दिल्ली के कई शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों के पास न तो इलाज के लिए पैसा है और न ही कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिए दस्तावेज हैं जिससे महामारी के इस दौर में जीवित रहने के लिए वे खुद ही संघर्ष कर रहे हैं। सरकार ने उन लोगों के लिए जांच और टीकाकरण के दिशा निर्देशों को आसान बनाया है जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं है लेकिन कई...
More »