राजस्थान में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम(एनएसएपी) के तहत दिए जा रहे पेंशन के बारे में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. ये तथ्य हाल के एक सरकारी रिपोर्ट के निष्कर्षों को लेकर आशंका जगाते हैं. नागरिक संगठन सूचना एवं रोजगार अभियान(एसआर अभियान) के मुताबिक प्रदेश में एनएसएपी के तहत पेंशन के रुप में सहायता राशि पाने वाले 2.95 लाख लाभार्थियों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं और उन्हें...
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सब्सिडी : कल्याण या राजनीति? मुफ्तखोरी के दुष्चक्र में फंसता देश
ज्यादातर देशों में एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मुफ्तखोरी को हथियार बनाती हैं, वहीं इसी दुनिया में स्विटजरलैंड जैसा भी एक देश है, जहां की जनता ने सरकार की इस पेशकश को ठुकरा दिया. दूसरी तरफ भारत में देखें तो राजनीतिक पार्टियां और सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों को प्रश्रय देती रहती हैं भारत जैसे कल्याणकारी राज्य में सब्सिडी एक जरूरी...
More »ओआरओपी लागू करने में होगी और देरी
वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना के क्रियान्वयन पर गठित समिति का कार्यकाल छह महीने बढ़ाकर इस साल दिसंबर के मध्य तक कर दिया गया है। सरकार ने हाल ही में पिछले साल जारी राजपत्रित अधिसूचना को संशोधित किया जिसके तहत पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एल नरसिंहा रेड्डी की अगुवाई वाली समिति को 14 जून तक अपनी रिपोर्ट जमा करनी थी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा...
More »गुजरात: लड़कियों की कमी, शादियों के लिए नारी संरक्षण गृह जा रहे पाटीदार
वड़ोदरा में निराश्रित महिलाओं के लिए बने नारी संरक्षण गृह में अनाथ, विधवा और अन्य कष्ट भाेग रही महिलाएं रहती हैं। उनकी शादी के लिए जाति-धर्म के बंधन को किनारे रख कर लोग आगे आ रहे हैं। जून के अंत तक नारी संरक्षण गृह की पांच अनाथ लड़कियां शादी करने जा रही हैं। जबकि अन्य साथी और स्टाफ उन दानदाताओं की तलाश में है जो शादी का खर्च उठा लें।...
More »सेना से मिले बर्तन ने विधवा को 65 साल बाद दिलाई पेंशन
जयपुर। राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर में रहने वाली सैन्य की विधवा राजकंवर को आखिर 65 वर्ष बाद पेंशन मिल सकेगी। उनकी पेंशन सेना की ओर से मिले एक भोजन पात्र के कारण सम्भव हो पाई है। राजकंवर के पति चुन्नी सिंह नवम्बर 1942 में भारतीय सेना में घुड़सवार के रूप में भर्ती हुए थे। उन्होने द्वितीय विश्युद्ध में हिस्सा लिया और 1950 में घर आए। वर्ष 1952 में उनकी...
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