गए साल अक्टूबर की 20 तारीख़ को कानपुर में एक गोष्ठी से गुज़रना हुआ था. विचारशीलता और बौद्धिक हस्तक्षेप की पत्रिका ‘अकार’ के मार्फ़त आयोजित इस गोष्ठी का विषय ‘डेढ़ सौ बरस के गांधी’ था. इस गोष्ठी के दरमियान लिए गए नोट्स इन पंक्तियों के लेखक की डायरी में लंबे समय तक दबे रहे. कानपुर से लौटकर इन नोट्स पर लौटना न हुआ, लेकिन अब हो रहा है—पर्याप्त देर से ही...
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गोडसे ने सेकुलर नेहरू या कम्यूनल जिन्ना को नहीं, धार्मिक गांधी को ही गोली क्यों मारी?
-मीडियाविजिल यह तथ्य है जिससे हम आंख चुरा नहीं सकते कि आज ही के दिन महात्मा गांधी की हत्या हुई थी। और यह सच है जिससे हम आंख मिलाना नहीं चाहते कि इस हत्या के बाद हम सबने गांधी के विचारों की हत्या लगातार की है। अपनी हत्या के बाद गांधी इस देश के नेताओं की जुबान पर रहे। कुछ ने उनके नाम को मीठी गोली की तरह चुभलाया, जिससे उनकी राजनीति...
More »इलेक्टोरल बॉन्ड: वित्त विधेयक बनाकर इसे राज्यसभा की निगहबानी से कैसे बचाया अरुण जेटली ने
कानून मंत्रालय ने मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में विवादास्पद इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित लिये गये फैसले और इलेक्टोरल फंडिंग से जुड़े अन्य कानूनों में संसदीय प्रक्रिया के तहत किये गये बदलावों को आधिकारिक रूप से सहमति दी थी. मंत्रालय की तरफ़ से यह सब गड़बड़ियां की गई. हमें मिले दस्तावेज़ों में इस बात के पूरे साक्ष्य हैं कि मोदी सरकार द्वारा इस पर राज्यसभा को बाइपास करना असंवैधानिक, गैरकानूनी था. इसमें...
More »संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा
“अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी” घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! -शलभ श्री राम सिंह हम भारत के लोग ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया था। आज लगभग 70 साल के बाद देश का शासक...
More »आप्रवासियों और शरणार्थियों की संख्या को लेकर फैलाए गए भ्रमों और तथ्यहीन कुतर्कों को खारिज करते आंकड़ें
विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्रोतों के आंकड़ें आप्रवासियों और शरणार्थियों की संख्या को लेकर फैलाए गए भ्रमों और तथ्यहीन कुतर्कों को खारिज करते हैं. अनेकों मीडिया रिपोर्टें यह खुलासा करती हैं कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRIC), जिसे देशभर में लागू किए जाने की उम्मीद है, के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में डिटेनशन सेंटर बनाए जा रहे हैं. हालांकि मीडिया के सामने सरकार एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के बीच किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार कर रही है,...
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