शिक्षा को जब हम अपने अतीत से जोड़ते हैं तो संस्कार की ध्वनि सुनाई देती है, लेकिन जब अपने वर्तमान समय से जोड़ते हैं तो विकार और व्यापार के विज्ञापनों के धमाके सुनने को मिलते हैं। वैश्वीकरण, बाजारवाद और उत्तर-आधुनिकता के इस तरह-तरह की मृत्यु-घोषणा के समय में अगर इतिहास, साहित्य, साहित्यकार या लेखक की मृत्यु पश्चिमी चिंतक घोषित करते रहे हैं, तो क्या यह सच नहीं है कि हम...
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पर्यावरण और विश्व राजनीति-- बिभाष
पिछले नवंबर का महीना सिर्फ विमुद्रीकरण के ही लिये नहीं जाना जायेगा. नोम चॉम्स्की ने हाल में डेली मिरर को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि दो घटनाएं जो आठ नवंबर को घटित हुई हैं, बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. एक ओर जहां, अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप को अपना नया राष्ट्रपति चुना, वहीं दूसरी घटना है- मोरक्को के मार्राकेश शहर में 7 से 16 नवंबर तक यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन...
More »अब नंगे बदन प्रदर्शन करेंगे बेबस विस्थापित आदिवासी-- अनिल बंसल
दामोदर घाटी बिजली परियोजना के विस्थापित आदिवासी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड की भाजपा सरकार से भी हताश हो चुके हैं। मोदी ने अपनी सरकार को गरीबों के लिए समर्पित सरकार बताया था। पर झारखंड और पश्चिम बंगाल के चार जिलों के 240 गांवों के हजारों विस्थापित आदिवासियों को उन्होंने भी न तो उनकी जमीन का मुआवजा दिलाया और न ही उनके पुनर्वास का वादा ही पूरा किया है।...
More »विद्रूप का शिक्षाशास्त्र-- शचीन्द्र आर्य
हम जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसकी पहचान करने वाले कौन-कौन से औजार हमारे पास हैं! हमें एक बार फिर उन्हें दुरुस्त कर लेना होगा। हमें पता होना चाहिए कि हमारे साथ क्या हो रहा है! जो हो रहा है, वह इस पृथ्वी के किसी खास भौगोलिक खंड में एक नाम से पुकारे जाने वाले सामाजिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक निर्मिति के भीतर निर्मित होते एक देश में कैसे उसी आकार...
More »संकट में वन्य जीव-- रीता सिंह
वर्ल्ड वाइल्ड फंड एवं लंदन की जूओलॉजिकल सोसायटी की हालिया रिपोर्ट चिंतित करने वाली है कि 2020 तक धरती से दो तिहाई वन्य जीव खत्म हो जाएंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में हो रही जंगलों की अंधाधुंध कटाई, बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले चार दशकों में वन्य जीवों की संख्या में भारी कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 1970 से 2012 तक...
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