SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 200

आरटीआई से खुलासा, 2004 से 2017 के बीच सांप्रदायिक हिंसा में 1600 से अधिक लोगों की मौत

नई दिल्ली: भारत में साल 2004 से 2017 के बीच सांप्रदायिक हिंसा की 10,399 घटनाएं हुईं. इसमें 1,605 लोग मारे गए और 30,723 लोग घायल हुए. गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है. सूचना का अधिकार आवेदन के तहत खुलासा हुआ है कि सांप्रदायिक हिंसा की सबसे अधिक 943 घटनाएं 2008 में हुईं. साल 2008 में हिंसा में 167 लोग मारे गए और 2,354 लोग घायल...

More »

चौरासी के बदलते चेहरे और हम- शशिशेखर

एक शराबी ने मेरे पिता के शरीर पर मिट्टी का तेल डाला और आग लगाने के लिए माचिस की डिब्बी दिल्ली पुलिस के एसआई एन के कौशिक ने दी। उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। उनका पूरा शरीर जल रहा था। मैं दूर खड़ी देख रही थी। पिता आग से बचने के लिए पास के नाले में कूद गए। दंगाइयों ने उन्हें बाहर निकाला और दोबारा उनकी देह में...

More »

विद्रोह की जमीन पर एक गांधीवादी- रामचंद्र गुहा

भारत के तीन ही राज्य हैं, जहां मेरा आज तक जाना नहीं हुआ। नगालैंड इनमें से एक है। अगली फरवरी में एक सामाजिक कार्यकर्ता नटवर ठक्कर के निमंत्रण पर वहां जाने का कार्यक्रम बना था, जिनके साथ पत्राचार तो काफी रहा, लेकिन मुलाकात कभी नहीं हुई। 1932 में पश्चिमी भारत में जन्मे नटवर भाई प्रख्यात गांधीवादी और देशभक्त काका साहब कालेलकर के संपर्क में आए और युवावस्था में ही अपना...

More »

हाशिमपुरा- इकतीस साल बाद-- विभूति नारायण राय

बुधवार को जब उच्च न्यायालय ने हाशिमपुरा नरसंहार के सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई, तो 31 साल पुरानी इस दुखद घटना के सारे दृश्य एक के बाद एक मेरी आंखों के सामने से गुजरने लगे।   कुछ अनुभव ऐसे होते हैं, जो जिंदगी भर आपका पीछा नहीं छोड़ते। दु:स्वप्न की तरह वे हमेशा आपके साथ चलते हैं। कई बार तो कर्ज की तरह आपके सीने पर सवार रहते...

More »

हिंसा की संस्कृति पर लगे रोक-- प्रो. उज्ज्वल के चौधरी

लिंचिंग यानी बेकाबू भीड़ के हाथों लोगों की हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि यह एक सार्वजनिक अपराध है पर सरकार मौन है. इसकी एक बानगी इसी बात से मिल जाती है कि इसे अभी तक आइपीसी के तहत एक अलग अपराध के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है. इसलिए, इसके बारे में सारी जानकारी मीडिया में आयी खबरों और विभिन्न रिपोर्टों में दिये तथ्यों पर आधारित...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close