स्कूल में दिया जाने वाला भोजन दुनिया भर में लाखों कमजोर बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करता है. दुनिया भर में लगभग 37 करोड़ बच्चे स्कूल फीडिंग प्रोग्रामों का हिस्सा हैं. जबकि COVID-19 महामारी से पहले भारत में दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील से 10 करोड़ स्कूली बच्चे लाभान्वित हुए थे, ब्राज़ील (4.8 करोड़), चीन (4.4 करोड़), दक्षिण अफ्रीका (90 लाख) और नाइजीरिया (90 लाख) जैसे देशों में...
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UNU-INWEH रिपोर्ट: बूढ़े हो रहे बड़े बांधों का तीव्रता से निपटान करने के लिए प्रोटोकॉल जारी करने की जरूरत!
बड़े बांध जो पर्यावरणीय क्षति और बड़े पैमाने पर विस्थापन का कारण बने हैं, उनका भारत में नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA), नेशनल अलायंस ऑफ़ पीपुल्स मूवमेंट (NAPM) और पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) जैसे नागरिक समाज संगठनों (CSO) द्वारा विरोध किया गया है. संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय के कनाडा स्थित इंस्टीट्यूट फॉर वॉटर, एनवायरनमेंट एंड हेल्थ के साथ-साथ अन्य साथी संगठनों द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन से पता...
More »साहित्य हमें आलोचनात्मक ढंग से सोचने के लिए प्रशिक्षित करता है और भीड़ और भेड़ होने से बचाता है
-सत्याग्रह, क्यों पढ़ें-पढ़ायें सारे संसार को एक विराट भूमंडी बनाने की जो तेज़ मुहीम अबाध गति से चल रही है, उसने हर कहीं मानविकी के अध्ययन की ज़रूरत पर सवाल खड़े कर दिये हैं. शिक्षा को उपकरणात्मक बनाने का उत्साह विचारधाराओं के आर-पार फैला है और यह सवाल अब बार-बार पूछा जा रहा है कि साहित्य पढ़ने-पढ़ाने से क्या हासिल? उससे छात्रों को किसी नौकरी या काम के लिए योग्य या समर्थ...
More »संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट: भारत में पैदा होते हैं सबसे अधिक मृत नवजात
द इंडियन एक्सप्रेस (6 जनवरी, 2021) में प्रकाशित अपने एक लेख में अरविंद सुब्रमण्यन और उनके सह-लेखक ने 17 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के हाल ही में जारी पांचवें दौर के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि भारत ने शिशु मृत्यु दर (IMR), पांच वर्ष से कम-मृत्यु दर (U5MR) और नवजात मृत्यु दर (NNMR) जैसे कई मामलों में प्रगति की है....
More »मैं इसलिए नहीं लगवाउंगा कोविड वैक्सीन
-आउटलुक, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर विकास बाजपेयी कहते हैं कि वह कई कारणों से वैक्सीन नहीं लेंगे। वैक्सीन को लेकर कोई गर्व करने या उदास होने के लिए इसमें कुछ भी नहीं है। सबसे बड़ा सवाल वैक्सीन की प्रमाणिकता का है जिसका सरकार के पास डेटा ही नहीं है। मुझे लगता है कि सरकार के पास वैक्सीन की बीन बजाने के अलाना कोई विकल्प नहीं है, केवल लोगों का...
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