-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल रहने के लिए विकासशील देशों को हर साल 512,138 करोड़ रुपए की जरुरत है। यदि जलवायु में बदलाव इसी तरह जारी रहता है तो यह जरुरत 2030 तक बढ़कर 21,94,875 करोड़ रुपए (30,000 करोड़ डॉलर) और 2050 तक 36,58,125 करोड़ रुपए (50,000 करोड़ डॉलर) पर पहुंच जाएगी। यह जानकारी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी यूनेप अडॉप्टेशन गैप रिपोर्ट 2020 में सामने आई...
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जल शक्ति मंत्रालय की कोशिशें सफल रहीं तो जल्दी ही गंगा जल शेयर मार्केट में मिलेगा
-द प्रिंट, टाइटल हाइपथेटिकल लग रहा हो तो न्यू नार्मल दौर की इस सामान्य खबर पर नजर डालिए. दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट ने पानी को कमोडिटी मान कर उसका व्यापार शुरू कर दिया है ठीक गोल्ड, क्रूड और दूसरी तमाम कमोडिटी की तरह ही. पानी का ताजा रेट जानने के लिए कृपया गूगल कर लें. नदियों और दूसरे जल स्रोतों को लेकर चल रही सरकारी चर्चा और चिंता...
More »देश में पोषण के हालात बदतर फिर भी पोषण से जुड़ी अहम कमेटियों ने नहीं की मीटिंग!
-न्यूजक्लिक, पोषण से जुड़ी भारत सरकार की तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्तर की कमेटियां हैं। इन तीनों कमेटियों की जिम्मेदारी इतनी बड़ी है कि अगर यह काम न करें तो इसका मतलब है कि देशभर में पोषण की देखभाल करने वाला कोई माई बाप नहीं है। यह कमेटियां देशभर में पोषण से जुड़ी नीतियां बनाती हैं। इन नीतियों को लागू करने का काम करती हैं। राज्य से लेकर केंद्र शासित प्रदेश में...
More »अर्थव्यवस्था में एतिहासिक गिरावट लेकिन कृषि में 3.4 फीसदी बढ़ोतरी, फिर भी किसान सड़क पर
-रूरल वॉइस, चालू वित्त वर्ष (2020-21) में देश के आर्थिक मोर्चे पर इतिहास बन रहा है। आजादी के बाद पहली बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.7 फीसदी की सबसे अधिक गिरावट आई है। जो अभी तक की पांच बार की गिरावट में सबसे अधिक है। अर्थव्यवस्था में गिरावट के इन मौकों में पहली बार कृषि क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है। आजादी के बाद अभी तक पांच...
More »भारत के 75 फीसदी से ज्यादा जिलों पर मंडरा रहा है जलवायु परिवर्तन का खतरा
-न्यूजलॉन्ड्री, हाल ही में काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीइइडब्लू) द्वारा किए शोध से पता चला है कि देश में 75 फीसदी से ज्यादा जिलों पर जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है. इन जिलों में देश के करीब 63.8 करोड़ लोग बसते हैं. यह अध्ययन पिछले 50 सालों (1970-2019) के दौरान भारत में आई बाढ़, सूखा, तूफान जैसी मौसम सम्बन्धी आपदाओं के विश्लेषण पर आधारित है. इसमें आपदाओं के...
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