पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए तरह-तरह के नए सीड तैयारे करने वाले कृषि वैज्ञानिकों ने अब तरल खाद तैयार की है। वैज्ञानिकों का दावा है कि 35 साल की रिसर्च के बाद तैयार इस तरल खाद को एक एकड़ क्षेत्र में 1 लीटर डालने पर लगभग 20 फीसदी तक उत्पादन बढ़ जाएगा। यह सभी प्रकार की खेती में उपयोग की जा सकेगी। यह रिसर्च जवाहरलाल...
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बैंकों को संभालें तो सुधरेगी इकोनॉमी-- यशवंत सिंन्हा
भारत में बैंक खासतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत अच्छी नहीं है। इसका विस्तृत ब्योरा हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ताज़ा वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में दिया है। इस रिपोर्ट के कुछ तथ्य हमें आगाह करते हैं। हमें मालूम है कि भारतीय व्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है। चूंकि बैंक अर्थव्यवस्था में सहायक भूमिका निभाते हैं, इसलिए खराब होती अर्थव्यवस्था के...
More »खुशहाली का संदेशा लेकर भूमध्य सागर से चल पड़ी है पवन- कुमार मुकेश
खेतों में बिजाई की गई विभिन्न फसलों के लिए कम तापमान और बारिश का इंतजार कर रहे किसानों की चिंताओं को अब भूमध्य सागर से उठकर ईरान और इराक से होते हुए आने वाली हवाएं कम कर देंगी। सबकुछ ठीक रहा तो 4 जनवरी से हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार भूमध्य सागर से उठने वाली हवाओं के बाद...
More »नए साल में किसानों के लिए नई बीमा योजना : राधामोहन
नये साल में पूरे देश में किसानों के लिए नई बीमा योजना लागू होगी। वर्तमान में चल रही बीमा नीति में बदलाव किया जाएगा। इसकी प्रीमियम दर कम रहेगी और किसानों को जल्द भुगतान की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। ये बातें केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहीं। वे शुक्रवार को नगर भवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के जन्म दिवस पर आयोजित जय किसान, जय विज्ञान...
More »बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास
इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...
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