रांची : राज्य सरकार अब सभी बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा देगी. सरकार ने स्थापना अनुमति (प्रस्वीकृति) प्राप्त विद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़नेवाली छात्राओं को भी 10 वीं और 12 वीं की मुफ्त शिक्षा देने का फैसला किया है. इनको परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा. इससे राज्य की 63 हजार से अधिक बालिकाओं को लाभ मिलेगा. शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को विधि और वित्त विभाग की भी मंजूरी मिल चुकी है....
More »SEARCH RESULT
सभी लड़कियों को मुफ्त शिक्षा
रांची : राज्य सरकार अब सभी बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा देगी. सरकार ने स्थापना अनुमति (प्रस्वीकृति) प्राप्त विद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़नेवाली छात्राओं को भी 10 वीं और 12 वीं की मुफ्त शिक्षा देने का फैसला किया है. इनको परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा. इससे राज्य की 63 हजार से अधिक बालिकाओं को लाभ मिलेगा. शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को विधि और वित्त विभाग की भी मंजूरी मिल चुकी है....
More »खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा
जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...
More »कृषि उत्पादन नहीं, मूल्य बढ़ायें- भरत झुनझुनवाला
अर्थव्यवस्था में तीव्र विकास के बावजूद कृषि और किसानों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. पिछले साठ वर्षो में प्रत्येक सरकार ने कृषि में सुधार का संकल्प लिया है, किंतु स्थिति बिगड़ती गयी है, जैसा कि आत्महत्या की बढ़ती संख्या से अनुमान लगता है. मूल कारण यह है कि सरकार का ध्यान कृषि उत्पादन में वृद्धि की ओर ज्यादा रहा है, मूल्यों में वृद्धि की ओर कम. मान्यता है कि...
More »‘आप गलतफहमी के शिकार हैं. हमने भूमि सुधारों को बैकबर्नर पर नहीं डाला है’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करना आसान नहीं. उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारों में काम करने का खासा अनुभव है. वे हिंदीभाषी प्रदेशों के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जो बढ़िया वक्ता हैं. काफी पढ़े-लिखे हैं और राजनीति के उथल-पुथल वाले 70 और 80 के दशक में उन्होंने आजादी के बाद के, कांग्रेस से अलग धारा में काम करने वाले कई प्रमुख नेताओं के...
More »