मुंबई, जून २४: न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. न . देशमुख, उच्च न्यायलय, औरंगाबाद के द्वारा झोपर्पत्ति पुनर्वास योजना पर जन आयोग रिपोर्ट आज लोकार्पित किया गया| योजना में शामिल कुछ हजार झुग्गीवासियो के द्वारा की गयी अनियमितता की शिकायतों पर पूर्ण जाँच के लिए इस इस आयोग का गठन जन आन्दोलनो के राष्ट्रीय समन्वय द्वारा किया गया था| आयोग का गठन इसलिए भी किया गया क्योंकि महाराष्ट्र सरकार न्यायमूर्ति सुरेश...
More »SEARCH RESULT
प्रधानमंत्री ने 850 मेगावाट पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी
किश्तवाड़ (जम्मू कश्मीर)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जम्मू कश्मीर में पनबिजली उत्पादन की संभावनाओं के दोहन के प्रयासों के तहत चेनाब नदी पर 850 मेगावाट क्षमता की रटले पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी। सिंह ने कहा, इस अवसर पर कहा कि भारत की यह ऐसी पहली पनबिजली परियोजना है, जिसका ठेका अंतरराष्ट्रीय बोली के आधार पर दिया गया है। इस पर 5,550 करोड़ रच्च्पये का खर्च आएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद...
More »यूपी में बनेंगे 31 अत्याधुनिक अपना बाजार
लखनऊ [जाब्यू]। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की मंडियों का स्वरूप विश्वस्तरीय बनाने पर जोर देते हुए 31 अत्याधुनिक अपना बाजार स्थापना की कार्ययोजना पर तत्परता से अमल करने के निर्देश दिए। उन्होंने शनिवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 146 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंडियों की मौजूदा दशा में आमूल चूल बदलाव पर जोर दिया। प्रदेश के 31 स्थानों पर अत्याधुनिक अपना बाजार...
More »आपदा का खोखला प्रबंधन!
उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...
More »उत्तराखंड के सबक- रोहित जोशी
जनसत्ता 21 जून, 2013: पिछले सालों में बरसात का मौसम उत्तराखंड के लिए तबाही का मौसम साबित हुआ है। अबके मानसून की पहली बारिश ही उत्तरकाशी, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन का मंजर लेकर आई है। जबकि अभी बरसात का पूरा मौसम बाकी है। यों तो आंख मूंद कर इन आपदाओं को सिर्फ प्राकृतिक माना जा सकता है और आपदा-राहत में...
More »