1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
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येद्दियुरप्पा : मुख्यमंत्री या भू-माफिया ?
कर्नाटक में सरकारी जमीनों को लेकर हुई धांधली ने घोटालों का नया रिकार्ड कायम कर दिया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने परिवार और पार्टीवालों को जमीनें बांटकर खूब उपकृत किया। घोटाला उजागर होने पर वे कहते रहे कि उन्होंने जो भी किया, वह वैसा ही है जैसा पूर्व के मुख्यमंत्रियों ने किया। अब पार्टी हाईकमान ने कार्रवाई की तलवार लटका दी है तो येदियुरप्पा के परिवारवाले जमीन लौटा रहे हैं। पर इससे...
More »सड़ांध मारता गेहूं: बोरी के साथ खुल गई लापरवाही
जोधपुर. शहर में उचित मूल्य की कई दुकानों पर एक बार फिर सड़ा गेहूं सप्लाई हुआ है। गेहूं इतना सड़ा हुआ है कि जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। रसद विभाग को भी इस बात का पता है फिर भी माल डीलरों को दे दिया गया और वहां से बेचा भी जा रहा है। काले पड़ चुके गेहूं से सड़ांध उठ रही है। फिर भी गरीब की मजबूरी है कि...
More »गांधी तेरे देश में नेता भी चोर, अफसर भी चोर
नई दिल्ली. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कॉमनवेल्थ गेम्स गांव के कुछ निर्माण कार्र्यो से जुड़े प्रोजेक्ट में कई अनियमितताएं पाई हैं। इसकी वजह से लागत 38 करोड़ रुपए से बढ़कर 63 करोड़ रुपए हो गई। यह खुलासा सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में हुआ है। सीवीसी के चीफ टेक्निकल एक्जामिनेशन विंग ने रिपोर्ट में बताया कि निर्माण कंपनी ने परीक्षण, खरीद और...
More »मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी का गड़बड़झाला
क्या मनरेगा को जस का तस छोड़ा जा सकता है? मनरेगा के मामले में नागरिक-संगठन आखिर इतना हल्ला किस बात पर मचा रहे हैं? क्या ग्रामीण इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता बहुत ज्यादा की मांग कर रहे हैं? क्या यूपीए- II वह सारा कुछ वापस लेने पर तुली है जो यूपीए- I ने चुनावों से पहले दिया था? चुनौती सामने है, मनरेगा गहरे संकट में है। अरुणा राय और ज्यां द्रेज सरीखे...
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