मुक्तिबोध और फैज जैसे कवियों ने जब ‘अभिव्यक्ति के खतरे उठाने' और ‘बोल कि लब आजाद हैं तेरे' का आह्वान किया था, वे राज्यसत्ता के चरित्र और उसके द्वारा समय-समय पर लगायी गयी पाबंदियों से भली भांति परिचित थे. मुक्तिबोध ने तो नहीं, पर फैज ने राज्यसत्ता के दमन को ङोला भी था. अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने का काम सर्वसत्तात्मक और एकदलीय शासन प्रणाली मनमाने ढंग से करती...
More »SEARCH RESULT
सबसे बड़े हिरासती नरसंहार का सच- विभूति नारायण राय
हाशिमपुरा नरसंहार में आये कोर्ट के फैसले के बाद, भारतीय राज्य के लिए यह परीक्षा की घड़ी है. यदि आजादी के बाद के इस सबसे बड़े हिरासती नरसंहार में वह हत्यारों को सजा नहीं दिला पाया, तो उसका चेहरा पूरी दुनिया में स्याह हो जायेगा. उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित हाशिमपुरा में 1987 में हुए नरसंहार के आरोपित जवानों को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने ठोस सबूतों के...
More »बिहार को नये फॉर्मूले से भारी घाटा : नीतीश
पटना: 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि इनसे बिहार को फायदा नहीं, बल्कि भारी घाटा होगा. 14वें वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 फीसदी से बढ़ा कर 42 फीसदी तो कर दी है, जो राज्यों के हित में है. लेकिन, बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड (बीआरजीएफ) और केंद्रीय प्रायोजित योजना (सेंट्रल स्पांर्स्ड स्कीम) को खत्म कर दिया जायेगा. इसे...
More »अध्यादेशों पर दोहरा रुख किसलिए? - ए. सूर्यप्रकाश
नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों आर्थिक सुधार को गति देने के लिए अध्यादेशों का सहारा लेने और संसद में गतिरोध से पार पाने के लिए आलोचना के घेरे में है। कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दल सरकार पर अध्यादेश राज थोपने का आरोप लगा रहे हैं और इस बारे में संवैधानिक प्रावधानों के उपयोग को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी चिंता...
More »क्या देश में फांसी की सजा खत्म कर देनी चाहिए?
दिल्ली से सटे नोएडा के निठारी कांड में दोषी ठहराए गए सुरिंदर कोली को मिली मौत की सज़ा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उम्रक़ैद में बदल दी तो ये सवाल फिर उठा की क्या फांसी की सज़ा उचित है। सुरिंदर कोली की दया याचिका राष्ट्रपति पहले ही ठुकरा चुके हैं और अगर सुप्रीम कोर्ट ने दो बार सज़ा टाली न होती तो अब तक उन्हें फांसी दी जा चुकी होती। जिस शख्स की...
More »