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खाद्य सुरक्षा: सुधर सकते हैं फिसड्डी राज्यों के भी हालात- ज्यां द्रेज, रीतिका खेड़ा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की दशा ठीक नहीं है। अधिनियम को लागू हुए दो साल होने को आये लेकिन कुछ ही राज्य इसपर अमल कर पाये हैं। बाकी राज्य अब भी पात्र परिवारों की पहचान, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के सुधार तथा अन्य तैयारियों से जूझ रहे हैं। तो भी, हाल के सबूतों से संकेत मिलते हैं कि कुछ राज्य अधिनियम को बेहतर ढंग से लागू कर पाये...

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देशभर में प्‍याज की कीमतों में लगी आग, हर मोर्चे पर सरकार लाचार-- अमलेश नंदन

देशभर में प्‍याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्‍याज के भाव खुदरा मंडियों में क्‍वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्‍याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्‍याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...

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अनिश्चितता का माहौल, टूट रही है मनरेगा से रोजगार की आस

रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को लेकर अनिश्चितता का माहौल इस कदर है कि राज्य में रोजगार की मांग करने वाले लाखों लोगों को काम नहीं मिल रहा है। कारण यह है कि जिलों में सरपंचों से लेकर अफसरों तक को आशंका है कि काम करवाने के बाद भुगतान कब होगा? हालत यह है कि छत्तीसगढ़ में रोजगार की मांग करने वाले परिवारों की संख्या...

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मनरेगा से दूर हो रही है गरीबी-- नई रिपोर्ट

मनरेगा केंद्रित एक नये अध्ययन में कहा गया है कि ग्रामीणों को रोजगार की गारंटी देने वाले इस कार्यक्रम से गरीबी के निवारण में मदद मिली है.   नेशनल काऊंसिल ऑफ अप्लॉयड रिसर्च और यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2004-05 से 2011-12 के बीच मनरेगा के कारण इसमें काम पाने वाले लोगों के बीच 32 प्रतिशत गरीबी घटी है. (देखें सबसे नीचे दी गई...

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स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल से अब भी कोसो दूर हैं ग्रामीण परिवार

केवल 15 फीसद ग्रामीण परिवार ही रसोई के लिए एलपीजी का इस्तेमाल करते हैं जबकि शहरों में दो तिहाई परिवार स्वच्छ ईंधन माने जाने वाले इस रसोईगैस के उपयोग करते हैं.   नेशनल सैंपल सर्वे के 68वें दौर की गणना पर आधारित रिपोर्ट के तथ्य संकेत करते हैं स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल में शहर और गांव तथा जातिगत-वर्गगत भेद मौजूद है.(देखें नीचे दी गई लिंक)   रिपोर्ट के अनुसार दो तिहाई ग्रामीण परिवार...

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