-न्यूजलॉन्ड्री, चीन के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने 24 जनवरी को नॉवेल कोरोना वायरस से होने वाली नई बीमारी का पहला विवरण प्रस्तुत किया था. उन्होंने बताया था कि कैसे निमोनिया के नए तरह के मामले हुबेई प्रांत की राजधानी और 1.1 करोड़ की आबादी वाले शहर वुहान में पिछले साल के दिसंबर महीने में पहली बार सामने आये थे. उस समय तक नयी बीमारी के 800 मामलों की पुष्टि हो चुकी...
More »SEARCH RESULT
फ़सल कटाई पर लॉकडाउन! किसान भूख से मरे या करोना से!
-मीडियाविजिल, महोबा के गांव पराखेरा के अच्छेलाल ने हर साल की तरह इस बार भी अपने खेत में गेहूं और मसूर की फसल बोई थी. इस बार फसल अच्छी होने से उम्मीद थी कि मुनाफा ज्यादा होगा. अब हालात ये हैं कि साल भर की जरूरत का अनाज भी मिल पाएगा, कहना मुश्किल है. वे बताते हैं कि आधे से ज्यादा फसलें बारिश की वजह से खराब हो गईं और बची-खुची...
More »अंकरी घास क्यों खा रहे थे मुसहर?
-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है. इसके बाद गरीब और मजदूर तबके की परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग शहरों से मजदूर तबका अपने घरों को लौटने को मजबूर है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक खबर सामने आई जिसने...
More »कोरोना से बचाव के लिए रसायन से नहलाए गए मजदूर, अधिकारी ने कहा नहला सकते हैं
-डाउन टू अर्थ, दिल्ली-एनसीआर से थके-मांदे उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पहुंचे थे सोचा था कि अब उनके गांवों का रास्ता आधा ही बचा है। उन्हें क्या पता था कि बरेली में उन्हें सोडियम हाइपोक्लोराइट रसायन से नहला दिया जाएगा। बच्चे दर्द से चीखने लगेंगे। बरेली प्रशासन के इस कृत्य ने अमानवीयता की हदें लांघ ली। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना को लोगों ने अपनी टिप्पणियों में क्रूर...
More »यहां से देखाेः साइंटिफिक टेम्पर की “सामूहिक हत्या”!
मीडियाविजिल, “पिछले कुछ साल में गैर-जिम्मेदार नेताओं ने जान-बूझ कर विज्ञान, सरकारी संस्थाओं और मीडिया से जनता का विश्वास डिगाया है. ये ग़ैर-ज़िम्मेदार नेता अधिनायकवाद का रास्ता अपनाने को लालायित हैं, उनकी दलील होगी कि जनता सही काम करेगी इसका यकीन नहीं किया जा सकता.” इज़रायली दार्शनिक युवाल नोह हरारी ने प्रसिद्ध अखबार फाइनेंशियल टाइम्स में बीते 20 मार्च को लिखे अपने लंबे लेख में कुछ बहुत ही मार्के की बातें कही...
More »