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पीएम और न्यायपालिका लोकपाल में नहीं, लोकपाल को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास

नई दिल्ली. कैबिनेट ने गुरुवार को जिस लोकपाल बिल को मंजूरी दी है, उसके कुछ अहम प्रावधान ये हैं :   -लोकपाल के दायरे से प्रधानमंत्री और न्‍यायपालिका बाहर। -प्रधानमंत्री के पद से हटने के बाद ही उन पर कार्रवाई की जा सकेगी। -सभी पूर्व प्रधानमंत्री लोकपाल के दायरे में होंगे। -अध्यक्ष समेत लोकपाल को चुनने वाली समितित में नौ सदस्य। -लोकपाल समिति का अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट का मौजूदा या रिटायर जज होगा। -समिति के...

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आरटीई की निकली हवा- बृजेश भट्ट

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की जिले में पूरी तरह हवा निकल गई है। सत्र शुरू हुए चार माह बीत चुके हैं, पर अभी तक आरटीई के तहत एक भी छात्र का प्रवेश नहीं हो पाया है। कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराने के लिए सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 बनाया। इसके तहत सबसे छोटी कक्षा में प्रवेश दिलाने...

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भू-अधिग्रहण पर जनता से राय लेगी केंद्र सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली नवनियुक्त केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के मसौदे पर सार्वजनिक बहस कराने का फैसला किया है। यही नहीं जनता की राय लेने के लिए मसौदे को अगले सप्ताह तक सार्वजनिक कर दिया जाएगा। रमेश की प्राथमिकता सूची में भूमि अधिग्रहण सबसे ऊपर है। उनका मानना है कि किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा देने के साथ यह देखना भी जरूरी है...

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छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी

जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....

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राशन पर सरकारी डाका -- प्रशांत कुमार दुबे

सरकार अब राशन में खाद्यान्न की जगह नकद भुगतान करने जा रही है. इसका पायलट फेज दिल्ली की दो बस्तियों में प्रारंभ भी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को भी समाप्त करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने की साजिश तो वर्ष 1991 के बाद से ही शुरु हो...

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