केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सत्र 2015 की ओपन बुक परीक्षा का पाठ्यक्रम तैयार कर दिया है। इस दफा स्वच्छ भारत, मंगलयान व उड़ीसा में आए फैलिन तूफान से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। यह परीक्षा सिर्फ नौवीं और 11वीं के छात्रों के लिए होगी। बोर्ड की निदेशक डॉ. साधना पराशर ने बताया कि तमाम विषयों का पाठ्यक्रम ऑनलाइन जारी कर दिया गया है। इनमें से ही सवाल पूछे जाएंगे। नौवीं...
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इस सीजन में 1-1.5 करोड़ गांठ कपास किसानों से खरीदेगी सरकार
कपास की गिरती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार 1.5-2 अरब डॉलर का कपास किसानों से न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीदेगी। कपड़ा मंत्री संतोष गंगवार के मुताबिक इस साल 1-1.5 करोड़ लाख गांठ(एक गांठ=170 किलो) कपास के सरकारी खरीद का अनुमान है। सूत्रों के मुताबित आने वाले दिनों में कपास की कीमतें और गिर सकती है ऐसे में जब सरकार खुल बाजार में कपास बेचेगी तो नुकसान होगा। सरकारी अधिकारियों के...
More »बार-बार कर्जमाफी योजनायें न लायें राज्य सरकारें: आरबीआइ
मुंबई: रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों के द्वारा बार-बार कर्जमाफी की योजनाओं की घोषणा करने पर ऐतराज जताया है. आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि इन योजनाओं से कर्ज के उचित मूल्य के निर्धारण पर असर पड़ता है जिसके परिणामस्वरुप ऋण बाजार में गड़बड़ी पैदा होती है. राजन ने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा के लिए सूक्ष्म वित्त ऋणदाताओं द्वारा दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दरों...
More »महंगाई से निजात की राह लंबी
मुंबई। रिजर्व बैंक का मानना है कि जमीनी स्तर पर महंगाई कम होने में अब भी वक्त लगेगा, क्योंकि इनपुट लागत ज्यादा है और खाद्य मुद्रास्फीति का इस तरह की बुनियादी चीजों से गहरा संबंध होता है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एच आर खान ने कहा, "महंगाई से मुक्ति पाने की राह लंबी है।" खान एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बाजार संभवतः हाल के दिनों की फौरी...
More »विचारधारा के भंवर में - एम के वेणु
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक सुधार के अर्थों को पुनर्परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। सीआईआई और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में भारतीय और वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अरुण जेटली ने सलाह दी कि भारत जटिल सामाजिक-आर्थिक संरचना वाला एक विकासशील समाज है, इसलिए उद्यमी समुदाय को 'बिग-बैंग' सुधारों और कुछ सनसनीखेज विचारों के क्रियान्वयन की उम्मीद नहीं करनी...
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