पुणे: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिये बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या और दूसरे संभावित एनपीए खातों को एक साल में पुनर्गठित करने की जरुरत पर जोर दिया. राजन ने सारी घरेलू बचतों को वित्तीय प्रणाली में लाने का पक्ष लिया है ताकि वृद्धि के लिए जरुरी वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो सकें. राजन यहां बैंकों व वित्तीय संस्थान...
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किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे- बाबा मायाराम
इन दिनों किसान अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहे हैं। एक तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद नहीं हो रही है, किसानों को बोनस नहीं मिल रहा है, तो दूसरी तरफ गेहूं की फसल के लिए खाद-बीज उपलब्ध नहीं हो रहा। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसान मंडी और सोसाइटियों के चक्कर काट रहे हैं। जगह-जगह धरना, प्रदर्शन और चक्का-जाम के रूप में उनका असंतोष सामने आ रहा...
More »बढ़ रही है कर्जदार किसानों की तादाद- एनएसएसओ
विकास के बहुमुखी हल्ले के बीच कृषि-संकट जारी है। तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से रह-रह कर आ रही किसान-आत्महत्याओं की खबरों के बीच राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण(एनएसएसओ) द्वारा इस माह जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 52 फीसदी खेतिहर परिवार कर्ज में डूबे हैं। रिपोर्ट में का यह तथ्य जुलाई 2012 से जून 2013 के बीच की स्थिति के बारे में है।(देखें नीचे दी गई लिंक) तकरीबन साढ़े...
More »स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग
कृषि क्षेत्र में संकट दूर करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने किसानोन्मुखी कृषि नीति तैयार करने, खेती को उद्योग का दर्जा देने, खेती योग्य जमीन को बचाने और किसानों को कर्ज माफी सुगम बनाने का विचार रखा। लोकसभा में राष्ट्रीय कृषक आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के संबंध में राजू शेट्टी के निजी संकल्प...
More »बदलाव होता नजर भी तो आए - प्रदीप सिंह
नरेंद्र मोदी सरकार के छह महीने हो गए। सबकी नजर इस पर है कि सरकार ने क्या किया और जो किया, उसका नतीजा क्या निकला। कांग्रेस इस सरकार को यू-टर्न सरकार बता रही है। सरकार का दावा है कि उसने छह महीने में बहुत कुछ कर दिया है। यह सही है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश में एक बदलाव और उम्मीद का माहौल बना है,...
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