नयी दिल्ली : एक रपट के अनुसार भारत ने 2015 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) आकर्षित करने के लिहाज से चीन व अमेरिका को पछाड दिया. आलोच्य अवधि में भारत को 31 अरब डालर का विदेशी निवेश मिला. वित्त मंत्रालय ने फिनांशल टाइम्स (लंदन) में प्रकाशित एक रपट भेजी है जिसमें कहा गया है, ‘निवेश में भारत ने बाजी मारी.' इस रपट के अनुसार 2015 की पहली...
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तरक्की तो अपने दम पर ही होगी- यशवंत सिन्हा
स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक समय ऐसा भी था, जब सोवियत संघ के साथ भारत की प्रगाढ़ मैत्री तथा देश में वामपंथियों के बोलबाले के चलते सोवियत संघ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहना घोर अपराध माना जाता था। मैं संसद में 1988 में आया और मुझे आश्चर्य हुआ जब संसद में भी सोवियत संघ के खिलाफ बोलने पर वामपंथी सदस्यों तथा अन्य दलों के उनके समान...
More »उच्च शिक्षा की होड़ से पहले- चंदन श्रीवास्तव
उच्च शिक्षा-संस्थानों में कौन कितना बेहतर है, यह निर्धारित करने के लिए सरकार ने एक देसी फ्रेमवर्क बनाया है. संस्थानों को उनकी श्रेष्ठता के क्रम में ऊपर से नीचे सजाने की तरकीब आकर्षक लग सकती है और जरूरी भी. जो अभिभावक अपने होनहारों की उच्च शिक्षा पर बरसों की जमा रकम खर्च करने का फैसला लेते हैं, या फिर जो छात्र अपनी पढ़ाई के लिए सूद की ऊंची दरों पर...
More »देश के प्रत्येक सांसद पर प्रतिमाह खर्च होते हैं 2.7 लाख रुपए
मल्टीमीडिया डेस्क। क्या आप जानते हैं कि एक साल में देश के सांसदों को वेतन तथा भत्तों के रूप में कुल कितने रुपए दिए गए। यदि नहीं जानते हैं तो हम आपको बताते हैं। यह राशि है 176 करोड़ रुपए, जो 543 लोकसभा सदस्यों को दी गई है। इस हिसाब से प्रत्येक सांसद को हर महीने औसतन 2.7 लाख रुपए मिले। अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे हो सकता है।...
More »आरक्षण पर लगातार बढ़ती उलझनें - डॉ एके वर्मा
गुजरात के पाटीदार या पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन ने देश को एक बार फिर पच्चीस वर्ष पीछे धकेल दिया। 1990 के दशक में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुईं और देश में आरक्षण 22.5 फीसदी से बढ़कर 49.5 फीसद हो गया, क्योंकि अनुसूचित जाति/जनजाति के अलावा अन्य पिछड़े वर्ग के लिए भी 27 फीसदी आरक्षण का कानून बन गया। देश-समाज जल उठा और जातीय आधार पर एक गहरी विभाजन...
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