विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...
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पीपीपी से सावधान -योगेश दीवान
भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...
More »जंगल की मुठभेड़ किसने देखी ?
हाल ही में चार अगस्त को बस्तर के जंगलों में नक्सलवादियों और छत्तीसगढ़ पुलिस के विशेष दल (एसटीएफ) के बीच मुठभेड़ की असलियत पुलिस दावों से कोसों दूर है. अनिल मिश्रा की रिपोर्ट जोगा का शवदाह हो चुका है मगर ग्रामीण अब भी सहमें हुए हैं. यह तय कर पाना कि जोगा के संबंध नक्सलियों से थे या नहीं कठिन है मगर फोर्स द्वारा पैसे देकर मुंह बंद करने की कोशिश...
More »चुनौती से ज्यादा उपेक्षा के मारे
छत्तीसगढ़ के जंगलों में एक हफ्ता गुजारकर लौटे बृजेश पांडे बता रहे हैं कि देश की सबसे बड़ी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैनात सीआरपीएफ के जवानों के मनोबल की हालत क्या है बारिश लगातार हो रही है. कभी हल्की तो कभी तेज बौछार के साथ. संभल-संभलकर चलते हुए हमें तीन घंटे हो गए हैं. यहां-वहां देखते हुए, दुश्मन की तलाश करते हुए. दुनिया के सबसे बड़े अर्धसैनिक बलों में...
More »आरटीआई ने बचाया नैनीताल का पर्यावरण
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। पहाड़ी क्षेत्रों में अंधाधुंध खनन और तेजी से बढ़ रहे कंक्रीट के जंगल के कारण वहां के पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है, लेकिन जब तक अजय सिंह रावत जैसे लोग सक्रिय रहेंगे, तब तक यह उम्मीद भी जिंदा रहेगी कि पहाड़ों के पर्यावरण को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। इस उद्देश्य को हासिल करने में आरटीआई कानून की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। कुमाऊं...
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