पच्चीस साल पहले बाजार खुला था। प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्तमंत्री मनमोहन सिंह की उदार नीति के तहत यह नई संरचना बनी थी। उससे पहले हाट लगा करती थी। हर हफ्ते या फिर बड़ी जगहों में हफ्ते में दो बार। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पड़ोस में पंसारी था या फेरीवाले। हफ्ते की हाट में खरीद-फरोख्त तो होती ही थी, साथ में गपशप भी हो जाती थी। विक्रेता ग्राहक को...
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बालश्रमः मुरझाने न पाए पौध
रोचिका शर्मा : बाल मजदूरी हमारे देश की एक बड़ी समस्या है। दुनिया में सबसे ज्यादा बाल मजदूर भारत में हैं। छोटे शहरों में बच्चे जहां अपने पारिवरिक धंधों में लगे हैं वहीं बड़े शहरों में हर गली-मुहल्ले में या नुक्कड़ पर गांवों से लाए गए बच्चे या शहर की ही गरीब बस्तियों के बच्चे होटलों, घरों, लघु-उद्योगों आदि में बर्तन धोते, साफ-सफाई करते या सिलाई-बुनाई करते नजर आ जाते हैं।...
More »युवा, कट्टरवाद और हिंसा-- संदीप मानुधने
हर तरफ एक घटना स्पष्ट दिखती है- पहले से अधिक संख्या में युवाओं का कट्टरवाद की ओर झुकाव. एक जुड़े हुए विश्व में यह भारी समस्या है, क्योंकि छोटी सी घटना भी सबको दिखने लगती है और तोड़-मरोड़ कर पेश की जा सकती है. एशिया, यूरोप या अमेरिका, सभी जगह नीति-निर्माताओं को चिंता सता रही है कि कैसे इस झुकाव को रोका जाये और सकारात्मकता की ओर मोड़ा जाये. इस...
More »संस्थाओं की साख का सवाल-- जगमोहन सिंह राजपूत
शिक्षा एक ऐसी गतिशील प्रक्रिया है, जिसका निर्मल प्रवाह जीवनदायिनी धारा है। जिस समाज और सभ्यता में शिक्षा के इस महत्त्व को समझ लिया जाता है, उसकी प्रगति की राह के हर प्रकार के अवरोध दूर करने के ज्ञान और कौशल से युक्त व्यक्ति सदा आगे आ जाते हैं। आज शिक्षा की अवश्यकता किसी को भी समझानी नहीं पड़ती है। सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि संविधान के निर्देशानुसार चौदह वर्ष...
More »किसानों को पांच लाख रूपए तक ब्याज मुक्त ऋण-रमन सिंह
रायपुर(ब्यूरो)। राज्य के किसानों को खेती के लिए पांच लाख रूपए तक ब्याज मुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डा.रमनसिंह ने अपने नियमित रेडियो वार्ता कार्यक्रम रमन के गोठ में यह घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ब्याज अनुदान की पात्रता के लिए प्रति हेक्टेयर, असिंचित भूमि पर 20 हजार स्र्पए और सिंचित भूमि पर 25 हजार स्र्पए की पूर्व प्रचलित ऋण सीमा को समाप्त कर दिया गया है।...
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