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सात दिन के भीतर दवा का रिएक्शन हुआ तो मिलेगा मुआवजा

भोपाल, मो. फैजान खान। ड्रग ट्रायल के 7 दिन के भीतर दवा का दुष्प्रभाव (रिएक्शन) सामने आया तो संबंधित कंपनी को मरीज को मुआवजा देना होगा। यह प्रावधान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(आईसीएमआर) द्वारा क्लीनिकल ट्रायल के लिए तैयार किए गए एथिक्स गाइडलाइन 2016 के मसौद में किया गया है। इस ड्राफ्ट पर 15 सितम्बर तक आईसीएमआर ने सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। उधर, इस प्रावधान का विरोध भी शुरू...

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घरवालों ने बनाया बालिका वधू, कानून ने किया अनाथ

सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। केस- इंदौर की 16 वर्षीय मनीषा की परिवार ने शादी करा दी। वह महीनाभर ससुराल में रही। इस बीच बाल विवाह की शिकायत हो गई। प्रशासन ने उसे ससुराल से मुक्त कराकर निराश्रित बच्चों की संस्था में रखवा दिया। उसे महीनेभर का गर्भ था। हाल ही में उसका प्रसव हुआ। केस- महाराष्ट्र की 17 वर्षीय कमला का परिवार ने बाल विवाह कराया। वह पंद्रह दिन ससुराल में...

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छत्तीसगढ़-- तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कंपनी ढाई माह में बहाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) ने अप्रैल 2016 में देश की जिन 4 दवा निर्माता कंपनियों को 2019 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड किया था, उनमें से 2 कंपनियों को बहाल कर दिया है। इसका खुलासा कॉर्पोरेशन की वेबसाइट से हुआ है। जहां ब्लैक लिस्टेड कंपनियों की सूची में इनका नाम नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि यह बहाली क्यों? 'नईदुनिया" पड़ताल में सामने आया की...

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मेडिकल कॉलेजों में जिला अस्पतालों से भी कम दवाएं

भोपाल (ब्यूरो)। बात एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बड़े अस्पताल की हो या फिर भोपाल के हमीदिया अस्पताल की। इनमें अनेक सुपर स्पेशलिटी सेवाएं तो मिल जाती है, लेकिन मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती। डॉक्टर केवल सलाह ही दे पाते हैं। कारण इन अस्पतालों की इसेंशियल ड्रग लिस्ट (ईडीएल) यानी आवश्यक दवाइयों की सूची में 35 तरह की दवाएं ही शुमार हैं।उधर, जिला अस्पतालों की ईडीएल में 300 दवाइयां हैं। इनमें...

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93 का स्टेथोस्कोप सिंहस्थ में खरीदा 7 हजार रुपए में

प्रमोद त्रिवेदी, इंदौर। डॉक्टर के गले में लटकने वाले यंत्र स्टेथोस्कोप मरीज की धड़कन सुनने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन सिंहस्थ-2016 में इसका उपयोग करोड़ों स्र्पए के वारे-न्यारे करने में किया गया। सरकारी अस्पतालों में जहां इसे इसी साल 93 स्र्पए में खरीदा गया, वहीं सिंहस्थ के लिए 7 हजार स्र्पए चुकाए गए। यानी करीब 80 गुना महंगा। केवल स्टेथोस्कोप ही नहीं, स्वास्थ्य सुविधाओं के काम आने वाले तकरीबन...

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