हिसार. मंडी आदमपुर. आरएसएस के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा कि सरकार के विकास के सभी दावे खोखले हैं। यदि सही मायने में देश में विकास होता तो किसान आत्महत्या नहीं करते। आजादी के 60 साल बाद देश में भुखमरी नहीं होती। वे बुधवार शाम गांव काबरेल में श्रीकृष्ण गौशाला, गौ संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र के शिलान्यास के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान आज...
More »SEARCH RESULT
बालश्रम का कलंक- निशिकांत ठाकुर
आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी जो बातें भारत के लिए शर्म की बड़ी वजह बनी हुईं हैं बालश्रम को अगर उनमें सबसे ऊपर रखा जाए तो गलत नहीं होगा। आज भी हमारे देश में करोड़ों बच्चे खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने की उम्र में खेतों से लेकर होटलों और खतरनाक उद्योगों तक में अत्यंत विकट परिस्थितियों में जीतोड़ मेहनत करने के लिए मजबूर हैं। बेफिक्री की उम्र में ही उनके ऊपर इतनी...
More »सदमे में किसान: फिर गईं तीन जान,
बेगमगंज/विदिशा. कर्ज के बोझ में दबे किसान लगातार मर रहे हैं और सरकार सिर्फ जांच का हवाला देती जा रही है। शनिवार को तीन किसानों की फिर जान चली गई। प्रदेश में दो दिन में छह किसानों की मौत हो चुकी है, वहीं एक महिला ने भी आत्महत्या का प्रयास किया था। रायसेन जिले में दो किसान फसल बर्बाद होने का सदमा नहीं झेल सके। बताया जाता है उनपर बैंक और...
More »मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में फिर गई किसान की जान
इछावर/ब्रिजीस नगर. कर्ज से डूबे सीहोर के एक और किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में एक पखवाड़े के भीतर ‘ऋणी किसान’ की आत्महत्या का यह दूसरा मामला है। जान गंवाने वाले किसान पर बैंकों के अलावा साहूकारों का भी लाखों का कर्ज था। आए दिन होने वाले तकाजे और पाले से तबाह फसल से हताश ब्रिजीस नगर के शिवप्रसाद मेवाड़ा ने खेत...
More »खेती में असली क्रांति -- देविंदर शर्मा
2010 तो इतिहास बनने जा रहा है. मैं सशंकित हूं कि क्या नया साल किसानों के लिए कोई उम्मीद जगाएगा? अनेक वर्षो से मैं नए साल से पहले प्रार्थना और उम्मीद करता हूं कि कम से कम यह साल तो किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा, किंतु दुर्भाग्य से ऐसा कभी नहीं हुआ. साल दर साल किसानों की आर्थिक दशा बद से बदतर होती जा रही है. साथ ही कृषि भूमि...
More »