खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
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बदलती जलवायु से खतरे में पड़े एशिया के ऊंचे पहाड़ों की जलविद्युत परियोजनाएं: अध्ययन
डाउन टू अर्थ, 1 जुलाई अध्ययन में 1960 के दशक से लेकर वर्तमान तक इस क्षेत्र के ग्लेशियरों तथा पर्माफ्रॉस्ट से जुड़े पर्वतीय खतरों से जलविद्युत को होने वाले नुकसान के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। हिमालय और इससे सटे पर्वत श्रृंखला या एशिया के ऊंचे पहाड़, ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर धरती के सबसे बड़े इलाकों में फैले बर्फ के पहाड़ों में से एक हैं। इस क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी जलविद्युत...
More »उपभोक्ता अधिकार दिवस: डिजिटल लेनदेन में पारदर्शिता की राह अभी लंबी है
-जनपथ, 15 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ताओं के अधिकारों एवं उनकी आवश्यकताओं के विषय में वैश्विक स्तर पर जागरूकता उत्पन्न करने का एक अवसर है। इस वर्ष कंज़्यूमर इंटरनेशनल के 100 देशों में फैले हुए 200 कंज़्यूमर समूहों ने “फेयर डिजिटल फाइनेंस” को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम के रूप में चुना है। कंज़्यूमर इंटरनेशनल यह महसूस करता है कि तेजी से बढ़ती डिजिटल बैंकिंग...
More »किसान पर पड़ती जलवायु की मार: भारत में 45 फीसदी तक घट जाएगा डेयरी और मीट उत्पादन
-डाउन टू अर्थ, बदलती जलवायु जहां एक ओर कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गई है। वहीं दूसरी तरफ यह पशुपालकों और उनके पशुधन पर भी व्यापक प्रभाव डाल सकती है। इस बारे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जिस तरह से तापमान में वृद्धि हो रही है, उसके चलते सदी के अंत तक भारत में डेयरी उत्पादन 45 फीसदी तक घट जाएगा। वहीं अमेरिका के डेयरी और...
More »बांधों पर मंडराता खतरा: टिकाऊ माडल की तलाश
-इंडिया वाटर पोर्टल, संसद द्वारा हाल ही में उपलब्ध कराई जानकारी के अनुसार देश में 100 साल से अधिक पुराने बांधों की संख्या 227 है। उल्लेखनीय है कि इन 227 बांधों को मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहली श्रेणी में वे बांध आवेंगे जिनका निर्माण भारत के परम्परागत विज्ञान के आधार पर किया गया था। दूसरी श्रेणी में वे बांध आवेंगे जिनका निर्माण विदेशी इंजीनियरिंग के आधार...
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