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1901 के बाद फरवरी में पड़ी इतनी गर्मी, गेहूं, सरसों की पैदावार पर क‍ितना असर?

इंडियास्पेंड, 17 मार्च उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 250 क‍िलोमीटर दूर ज‍िला भदोही के सुर‍ियावां में रहने वाले क‍िसान प्रमोद कुमार शुक्‍ला गेहूं की फसल देखकर परेशान हैं। उन्‍होंने इस साल 50 बीघा खेत (12.50 एकड़) में गेहूं लगाया है। लेकिन फसल की बदलती रंगत ने उनके चेहरे का रंग बदल दिया है। “कम से कम 35 साल से गेहूं की खेती कर रहा हूं। धान और गेहूं ही होता...

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कैसे उड़ीसा में बीज बैंक जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं

इंडियास्पेंड, 16 मार्च उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से करीब 150 किमी पश्चिम में रायसर नाम की एक छोटी सी बस्ती में रहने वाले 45 वर्षीय दुर्ज्यधन जानी के लिए पिछले तीन साल काफी रोमांचित करने वाले रहे हैं। उनके लिए यह एक ऐसा समय है, जैसे वह अपने बचपन में जी रहे हैं। एक बच्चे के रूप में उन्होंने अपने परिवार को जैविक खेती करते हुए देखा था, लेकिन दो दशक...

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कुपोषण से जूझ रहे हैं छत्तीसगढ़ के मवेशी, उत्पादकता और प्रजनन क्षमता पर असर

मोंगाबे हिंदी , 13 मार्च छत्तीसगढ़ के धमतरी के रहने वाले महेश चंद्राकर की गाय पिछले कई सप्ताह से बुखार से तप रही थी। उसका खाना-पीना कम हो गया था और वह बेहद कमज़ोर हो गई थी। दवाइयां असर नहीं कर रही थीं। स्थानीय पशु चिकित्सक ने ख़ून का नमूना लिया और शाम को रिपोर्ट आई कि गाय के खून में हिमोग्लोबिन की मात्रा काफी कम है।  महेश बताते हैं कि वे...

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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...

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बुनियादी ढांचे के नीचे दम तोड़ती कश्मीर के करेवा की उपजाऊ जमीन

मोंगाबे हिंदी, 28 फरवरी केसर की धरती कहे जाने वाले पंपोर इलाके के बीच से एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH44) होकर गुजर रहा है। केसर की खेती करने वाले इश्फाक अहमद यहां खड़े होकर इस जमीन के भविष्य को लेकर अजीब सी उधेड़बुन में व्यस्त हैं। केसर की क्यारियों से निकली हरी-हरी टहनियों पर उनकी निगाहें टिकी हैं। वह उत्सव के रंगों में सरोबार उन खूबसूरत दिनों को याद करते हैं जो...

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