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पंचायत में तय हो बच्चों के विकास की योजनाएं

जनजातीय भाषाओं के जानकार गिरधारी राम गौंझू झारखंड की संस्कृति-परिवेश की बारीक जानकारियां रखते हैं. वे बच्चों, विशेषकर वंचित समूह के बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा देने के पैरोकार रहे हैं. इसका यह मतलब कतई नहीं है कि वे हिंदी या अंगरेजी के विरोधी है. उनका जोर त्रिस्तरीय भाषा सूत्र पर है. एक शिक्षाविद के रूप में वंचित समूह के बच्चों को विकास की मुख्यधारा में लाने की कोशिश में...

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाए समाज और लोकतंत्र को प्रभावित करने वाले फैसले

नई दिल्ली। यह साल न्यायिक संक्रांति के लिए भी याद किया जाएगा। देश की शीर्ष अदालत ने समाज और हमारे लोकतंत्र को प्रभावित करने वाले कई अहम फैसले इस साल सुनाए। जेल में बंद लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधि बनने और दो साल से अधिक की सजा पाने वाले सांसदों-विधायकों को सदन की सदस्यता के अयोग्य करार देने जैसे चुनाव सुधारों पर ऐतिहासिक फैसलों, ‘पिंजरे में बंद’ सीबीआइ की स्वायत्तता की गुहार...

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शिक्षा केंद्र, बुद्धिजीवी और सत्ता- आनंद कुमार

जनसत्ता 25 सितंबर, 2013 : किसी भी लोकतांत्रिक समाज में सरकार और शिक्षा केंद्रों के बीच का संबंध हमेशा एक सृजनशील तनाव से निर्मित होता है। सरकार की तरफ से शायद ही कभी ऐसा प्रयास हो, जिसमें शिक्षा केंद्रों को अधिकतम स्वायत्तता मिलती है, क्योंकि सरकार शिक्षा केंद्रों में चल रहे ज्ञान-मंथन, तथ्य-विश्लेषण और विद्वानों की स्वतंत्र शोध-क्षमता से सशंकित रहती है। सरकार का काम हमेशा कुछ आधा और कुछ पूरा-...

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न्याय का नखलिस्तान- रुचिरा गुप्ता

जनसत्ता 18 सितंबर, 2013 : भारत में अगर किसी का पुलिस या न्यायपालिका से कभी पाला पड़ा हो, तो वह अच्छी तरह से जानता होगा कि यह अनुभव कितना क्षोभ और आक्रोश से भर देने वाला होता है। भारतीय न्यायपालिका और पुलिस तंत्र में कई तरह की खामियां हैं। उनमें से कुछ को रेखांकित किया जा सकता है। मसलन, पुलिस अधिकारियों के बीच जवाबदेही का अभाव, खासतौर से महिलाओं और दलितों...

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आरटीआइ से पंचायतें मांगें अधिकार

मित्रो,                                                                                                                                                                              आप पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि हैं. जनता ने आपको इसलिए चुना कि आप पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर उनकी बुनियादी समस्याओं को दूर करने के लिए योजनाएं बनाएं, उनका कार्यान्वयन करें और उन पर नियंत्रण रखें. संविधान के 73वें संशोधन ने आपको वही ताकत दी है, जो अपने क्षेत्र में विधायकों और सांसदों को मिला हुआ है. निचले स्तर पर आप पंचायत सरकार हैं. पंचायत सरकारें सत्ता के लोकतांत्रिक ढांचे की...

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