महिलाओं को निजी संपत्ति में हिस्सा देने की बहस काफी पुरानी है। हमारे देश में स्वतंत्रता संग्राम के साथ ही यह बहस तेज हो गई थी। ब्रिटिश राज और उससे आजादी के बाद समय-समय पर कानून बनाए गए हैं, जो महिलाओं को निजी संपत्ति का अधिकार तो देते हैं, लेकिन समाज में पुरुष प्रधान सोच के कारण कानून पंगु बना रहा। वर्तमान समय में फैक्टरी, कार्यालय, खेत या घर- हर...
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शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश
राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...
More »आर्थिक सुधारों की कठिन राह पर-- एन के सिंह
आर्थिक फैसले पूरी स्फूर्ति से लिए जा रहे हैं। भले ही अभी हम नोटबंदी और जीएसटी की बहस में उलझे हुए हों, मगर हाल ही में सरकार ने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए कई आर्थिक उपायों की घोषणा की है। ये कई लक्ष्यों को हासिल करने के इरादे सेप्रेरित हैं। एक कहावत है कि बुराई को मजबूती तब मिलती है, जब हम कोई फैसला नहीं कर पाते या दूसरों...
More »बेरोजगारी का दंश, जाति के तर्क--- ए. श्रीनिवासन
बीते शनिवार को मशहूर दलित लेखक और एक्टिविस्ट कांचा इलैया को हैदराबाद के उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। आंध्र और तेलंगाना पुलिस ने सुरक्षात्मक वजहों से यह नजरबंदी की, ताकि इलैया को अभिव्यक्ति की आजादी विषय पर विजयवाड़ा में भाषण देने जाने से रोका जा सके। अपने लेखन से धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए कांचा इलैया को जान से मारने की कई धमकियां मिल चुकी हैं। इलैया...
More »देश में सिर्फ पांच से सात बड़े बैंकों की जरूरत : अरविंद सुब्रमणियन
नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजी आधार मजबूत बनाने के लिए सरकार की तरफ से 2.11 लाख करोड रुपये के पूंजी समर्थन की घोषणा के एक दिन बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने आज बैंकिंग क्षेत्र में सुदृढीकरण और एकीकरण पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश में आदर्श रुप से पांच से सात बडे बैंक ही होने चाहिये. शिरोमणि गुरतेग बहादुर खालसा (एसजीटीबी) कालेज में...
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