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सांभर झील में अधिक बारिश और अवैध नमक खनन के कारण 2019 में कैसे बड़े पैमाने पर पक्षियों की हुई मौत

दिप्रिंट,  10 मार्च राजस्थान में 2019 में एवियन की मृत्यु के चार साल बाद – जहां नवंबर में बड़े पैमाने पर एवियन बोटुलिज़्म के कारण सांभर साल्ट लेक में लगभग 23,000 पक्षियों की मौत हो गई थी वहां वैज्ञानिकों ने पाया है कि अत्यधिक वर्षा के कारण जहरीले बैक्टीरिया में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिसने उन्हें मार डाला. यह भारत में एवियन बोटुलिज़्म के कारण पहली दर्ज की गई सामूहिक मृत्यु दर घटना...

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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...

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भारतीय सिरप पीने के बाद ही मरे गाम्बिया में बच्चेः रिपोर्ट

सत्य हिंदी, 4 मार्च द गाम्बिया नेशनल असेंबली की एक कमेटी ने कहा है कि गुर्दे पर असर (एकेआई) की वजह से 70 बच्चों की मौत भारत के मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाए गए चार कथित खराब सिरप पीने से जुड़ी हुई है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की यह रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गाम्बिया में आयात किए गए खराब सिरप...

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ग्रेट बैकयार्ड पक्षियों के सर्वे में पाई गई 1,067 प्रजातियां: रिपोर्ट

डाउन टू अर्थ, 01 मार्च अखिल भारतीय सर्वेक्षण, द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) के दौरान 1,067 पक्षियों की प्रजातियों को देखा गया। यह एक सालभर में किया जाने वाला कार्यक्रम है, जो हर फरवरी में 4 दिनों तक चलता है। जिसमें पक्षियों की गिनती करने और पक्षी संरक्षण में योगदान करने के लिए सभी स्तरों के पक्षी प्रेमियों को शामिल किया जाता है। यह सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को...

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बुनियादी ढांचे के नीचे दम तोड़ती कश्मीर के करेवा की उपजाऊ जमीन

मोंगाबे हिंदी, 28 फरवरी केसर की धरती कहे जाने वाले पंपोर इलाके के बीच से एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH44) होकर गुजर रहा है। केसर की खेती करने वाले इश्फाक अहमद यहां खड़े होकर इस जमीन के भविष्य को लेकर अजीब सी उधेड़बुन में व्यस्त हैं। केसर की क्यारियों से निकली हरी-हरी टहनियों पर उनकी निगाहें टिकी हैं। वह उत्सव के रंगों में सरोबार उन खूबसूरत दिनों को याद करते हैं जो...

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