आप इसे बजट राग कह सकते हैं, जो पैसे के मूल मंत्र पर केंद्रित है। बजट के मौसम में सरकारी विचार कक्ष में पैसे के बारे में काफी चर्चा होती है। इस बार भी चर्चा हो रही है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करना चाहिए या उसकी चिंता छोड़ देनी चाहिए। चर्चा इस पर भी है कि किसे दर्द सहना चाहिए और किसे फायदा होगा। विकास का सिद्धांत...
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सही दिशा में है आर्थिक नीति- तवलीन सिंह
दावोस की पहली सुबह जब मैं बर्फ से ढके बाजार में निकली, तो एक कैफे के शीशे के चमकते दरवाजे पर 'मेक इन इंडिया' पढ़ा, जो बड़े अक्षरों में उस शेर की बगल में लिखा था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने का प्रतीक बन गया है। यह इसलिए भी अच्छा लगा कि कई वर्षों से निवेशकों के इस महत्वपूर्ण आर्थिक सम्मेलन में भारत अदृश्य रहा है। यह भी...
More »कमाई के कंगूरे और गरीबी का गर्त- धर्मेन्द्र पाल सिंह
स्विट्जरलैंड के बर्फीले नगर दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक की पूर्व संध्या पर ब्रिटेन की संस्था ऑक्सफाम ने एक रिपोर्ट जारी की, जिससे पूरी दुनिया में हंगामा मच गया। ‘एन इकोनॉमी फॉर दी 1%' नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आज महज बासठ खरबपतियों की संपत्ति 17.6 खरब डॉलर (1187.64 खरब रुपए) है, जो विश्व की आधी आबादी की दौलत के बराबर है। एक प्रतिशत अमीरों...
More »समाज में बुजुर्गों की जगह मत छीनिए--शिवप्रसाद जोशी
हमारा देश पहले भी हैवानियत की दास्तानें देखता और सुनता रहा है. इसी देश में तंदूर कांड भी हुआ था. इसी देश में हर मिनट बलात्कार होते हैं. इसी देश में पत्नी की लाश के टुकड़े-टुकड़े करके उसे फ्रिज में डाल देने की घिनौनी वारदात हुई है. और इसी देश में आज दिख रहा है कि कैसे एक ताकतवर स्त्री दूसरी लाचार स्त्री पर पाशविक अंदाज में हमलावर है. यह...
More »हाथभर उजाला और कोसभर अंधेरा - अनुराग चतुर्वेदी
दुनिया में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को लेकर बेहद चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं। कल से शुरू हुए अमीर देशों के सम्मेलन से ऐन पहले जारी किए गए इन आंकड़ों को सही मानें तो आज महज 62 धनकुबेरों के पास दुनिया की आधी आबादी के बराबर धन इकठ्ठा हो गया है। ऑक्सफेम के इस सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि जल्द ही वह स्थिति निर्मित...
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