डेटा की सुरक्षा और प्राइवेसी के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के नौ जजों ने सामूहिक सहमति से अगस्त 2017 में एक बड़ा फैसला दिया था. इसके बाद जस्टिस श्रीकृष्णा समिति की विस्तृत सिफारिशों पर कानून में समग्र बदलाव की बजाय टुकड़ों में किये जा रहे सरकारी प्रयास, आलोचना के शिकार हो रहे हैं. भीड़ की हिंसा को रोकने के नाम पर सरकार द्वारा सोशल मीडिया...
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समस्या की अनदेखी करते समाधान-- हिमांशु
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत ने कृषि संकट को राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है। इस चुनावी जीत के निश्चय ही कई कारक थे, लेकिन खेतिहरों की दुश्वारियां इन सबमें प्रमुख थीं। यह माना जाता है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी कृषि संकट को लेकर उदासीन रही है, बल्कि कुछ हद तक उसने इसे बढ़ाया ही है, लेकिन वास्तव में इस...
More »ऐसा कर्ज तो किसान को डुबोएगा ही-- सोमपाल शास्त्री
शुक्रवार को अपनी मांगों के साथ देश भर के किसान एक बार फिर दिल्ली की सड़कें नापते रहे। बीते कुछ महीनों में यह तीसरा मौका था, जब वे अपनी खेती-किसानी छोड़कर अपने हक के लिए देश की राजधानी में थे। कर्ज माफी और फसलों के उचित दाम के अलावा उनकी एक प्रमुख मांग किसानों के मसले पर संसद का विशेष सत्र बुलाना भी है। इसके लिए उन्होंने देश की सबसे...
More »कृषि व्यवस्था दुरुस्त करना जरूरी-- वरुण गांधी
कुछ महीने पहले 30,000 से ज्यादा किसानों ने एक लाख रुपये प्रति एकड़ की पूरी कृषि ऋण माफी के साथ 50,000 रुपये सूखा मुआवजे की मांग को लेकर ठाणे से मुंबई तक मार्च किया. इस समय नासिक और मराठवाड़ा जिले के अलग-अलग हिस्सों में कई गांवों को पानी की कमी (औसतन 30 फीसद) का सामना करना पड़ रहा है, जबकि यहां के किसान पहले से ही कम फायदेमंद खरीफ फसलों...
More »श्रमिकों की गरिमा व बिहार की अस्मिता-- मिहिर भोले
बिहार छोड़े मुझे पच्चीस वर्ष हो गये. तब से गुजरात में ही रहता हूं. फिर भी विभिन्न कारणों से लगातार बिहार आता-जाता रहता हूं. इस दौरान लोग-बाग अक्सर मुझसे गुजरात के बारे में प्रश्न किया करते हैं और मैं आदतन पूरी सच्चाई और निष्पक्षता से उसकी खूबियों और कमजोरियों की चर्चा करता हूं. चूंकि मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं. मैं एक शिक्षक हूं, मेरी वैचारिक प्रतिबद्धता सिर्फ मेरे अपने अनुभव...
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