बात चाहे जितनी हैरतअंगेज लगे लेकिन तथ्य यही है कि देश में एक तरफ बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी तरफ उनकी मदद के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयासों में कमी आई है. बुजुर्गों की हालत पर हाल में जारी एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में साठ साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी 2001 के 7.4 फीसद से बढ़कर 2011 में 8.6 फीसद हो गई है...
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3690 पेंशनर नहीं जुड़े आधार से, होगी जांच
बिलासपुर(निप्र)। सुखद सहारा, वृद्धा समेत अन्य पेंशन योजनाओं में गड़बड़ी रोकने हितग्राहियों के बैंक खातों से आधार नंबर लिंक किए जा रहे हैं। अब तक जिले के 3690 हितग्राहियों ने आधार नंबर जमा नहीं किया है। इससे फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है। शासन ने वृद्धा, सुखद सहारा, विधवा समेत अन्य पेंशन योजना बनाई है। समाज कल्याण विभाग की ओर से जनपद पंचायतों को पेंशन राशि का आवंटन किया जाता...
More »सुप्रीम कोर्ट ने जानी आश्रय स्थलों की स्थिति
आर सेधुरमन/ट्रिन्यू नयी दिल्ली, 3 अप्रैल सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्यों में बने आश्रय स्थलों में रह रही गरीब विधवा महिलाओं की स्थिति जानने का फैसला किया है। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि उसने इन महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए आश्रय स्थलों को दी जाने वाली ग्रांट में इस साल से 4 गुणा वृद्धि की है। एनवायरनमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन फाउंडेशन नामक एनजीओ द्वारा दायर एक जनहित याचिका...
More »'दस साल में और बहुत सारी विधवाएं देखेंगे'- सौतिक बिस्वास
महाराष्ट्र के वाशीम ज़िले के एक गांव में रहने वाले किसान मुकुंदा वाघ ने 2009 में पहली बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. जब वो बेहोश होकर गिर गए और उनके मुंह से झाग निकलने लगा तो उनकी पत्नी ने उन्हें देखा और अस्पताल ले गईं. उस वक़्त अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी जान बचा ली. लेकिन तीन साल के बाद मई 2012 में क़िस्मत ने उनका साथ नहीं...
More »कुम्हारबांधी: यहां 2016 में भी दिखती है 18वीं सदी जैसी गरीबी
सारठ बाजार. गरीबों के उत्थान की बातें अक्सर होती हैं, लेकिन इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखायी जाती है. यही कारण है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी कमाने के प्रयास में ही बीत जा रहा है. प्रखंड के कुम्हराबांधी गांव के हरिजन टोले का ग्रामीणों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी तक सिमट कर रह गयी है और वह रोटी भी...
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