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जंगल तभी छोड़ेंगे, जब मिलेगी जमीन

भोपाल. सरकार जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं करती है, हम एक इंच भी जमीन खाली नहीं करने वाले हैं। हम यहां जंगली जानवरों के बीच रह लेंगे लेकिन अपना घर नहीं छोड़ेंगे। यह कहना है कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क के भीतर बसे गांववालों का। केंद्र सरकार के आदेशानुसार, पार्क प्रशासन वहां बसे गांववालों को विस्थापित कर रहा है। शुरुआती चरण के दो गांवों को खाली करवाने के लिए फंड भी...

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आहार में छुपा है वनवासियों की तंदुरुस्ती का राज

पूर्णिया। खेल के मैदान से लेकर सुरक्षा व्यवस्था में अपनी दमदार उपस्थिति दिखाने वाले वनवासियों की तंदुरुस्ती का राज उनके आहार में छुपा हुआ है। जंगली वनस्पति के सेवन के कारण इनकी शारीरिक क्षमता दूसरों की अपेक्षा अधिक होती है। जंगलों और जलाशयों में पाये जाने वाले सरौंची, कोकरो, पतंगी, कटैया और करमीलत्ती, सहजन आदि का साग इनका पसंदीदा है। साग के इन प्रभेदों में आयरन, कैल्सियम और वीटा केरोटीन की मात्रा प्रचुर मात्रा में पायी...

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फिर शुरू होगा जंगल में पुलिसिया अभियान

रांची। पुलिस महानिदेशक नेयाज अहमद ने सीआरपीएफ अधिकारियों व विशेष शाखा के अधिकारियों के साथ सोमवार को मैराथन बैठक की। इस बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जाने वाले अभियान के दौरान आने वाली समस्याओं पर विशेष रूप से मंथन किया गया। डीजीपी ने सभी अधिकारियों से उनकी राय भी मांगी और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए ठोस आश्वासन भी दिया। बैठक में नए सिरे से नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाए जाने...

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दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में 40 लोग मारे गए

रायपुर। नक्सलियों ने आज छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक बस को विस्फोट से उड़ा दिया, जिसमें कम से कम 50 लोग मारे गए। मृतकों में 20 विशेष पुलिस अधिकारी शामिल हैं। यात्री बस सुकमा से दंतेवाड़ा जा रही थी। माओवादियों ने चिंगावरम गांव के निकट भूसारास और गदिरास के बीच बस को विस्फोट से उड़ाया। रायपुर से करीब 450 किलोमीटर दूर किए गए इस हमले में नक्सलियों ने जिलेटिन की छड़ वाली विस्फोटक...

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देसी आम प्रजाति लुप्त होने के कगार पर

नूरपुर : सरकार की उपेक्षा के चलते निचले क्षेत्रों में देसी आम की प्रजाति लगभग लुप्त होने के कगार पर है। निचले क्षेत्र के आम की अपनी एक अलग पहचान है। यह आम जहां रस से भरा होता है, वहीं आसानी से हजम भी हो जाता है। बागवानों का अब धीरे-धीरे देसी आम से मोह भंग हो रहा है, क्योंकि एक तो देसी आम के पेड़ जगह अधिक घेरते हैं, वहीं उनमें फल भी काफी...

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